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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु साय आदिवासियों को अयोध्या यात्रा पर भेजने में जुटे

रायपुर में नई दुनिया समाचार समूह द्वारा आयोजित सबके राम कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी शामिल हुए. उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा कि आदिवासी समुदाय भगवान श्रीराम के सबसे ज्यादा करीबी है.

उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर में दर्शन योजना के तहत पहला गुट 7 फरवरी को प्रस्थान करेंगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में रामभक्ति का सुंदर माहौल तैयार हुआ है. सैकड़ों मानस मंडलियां मानस का पाठ कर रही हैं .हम श्री राम के ननिहाल से हैं और रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर छत्तीसगढ़ के लोगों उत्साह की अनुभूति कर रहें हैं.

कांकेर सांसद मोहन मंडावी 48 हजार मानस की प्रतियां बांट चुके हैं जिसे गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज किया गया. इस मौके पर रामलला के भोग के लिए सुगंधित चावल भी भेजे गए हैं.

अजीत जोगी के बाद पहले मुख्यमंत्री

जब छत्तीसगढ़ का गठन हुआ था तो उस वक्त पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी चुने गए थे. उस वक्त वह कांग्रेस की ओर से आदिवासी सीएम बने थे.

वहीं, अब प्रदेश के दूसरे आदिवासी सीएम के रूप में विष्णु देव साय को बीजेपी ने कमान सौंपी है. वहीं प्रदेश में बीजेपी के पहले आदिवासी सीएम भी हैं.

अब तक छत्तीसगढ़ में तीन लोग सीएम बन चुके हैं. जिसमें अजीत जोगी, रमन सिंह और भूपेश बघेल थे. इसमें बीजेपी के रमन सिंह ने सबसे ज्यादा 2003 से 2018 तक सीएम रहें. अब प्रदेश के चौथे सीएम के रूप में विष्णु देव साय चुने गए हैं.

एक आदिवासी मुख्यमंत्री के तौर पर विष्णुदेव साय से कुछ ख़ास अपेक्षाएं रखना आदिवासी समुदायों के लिए एक स्वभाविक बात होगी.

राज्य में आदिवासियों से जुड़े कई मसले हैं. इनमें शिक्षा, रोज़गार और स्वास्थ्य के अलावा आदिवासी इलाकों में हिंसा और हसदेव के जंगल में मंडरा रहा विस्थापन का ख़तरा भी शामिल है.

लेकिन फ़िलहाल मुख्यमंत्री 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में होने वाले कार्यक्रम के प्रचार में ज़्यादा व्यस्त नज़र आते हैं.

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