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पश्चिम बंगाल: सुविधाओं की कमी को लेकर पुरुलिया में आदिवासियों ने चुनाव बहिष्कार का किया आह्वान

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के पूनाचा ब्लॉक के अंतर्गत मोहनगोरा गांव के आदिवासियों ने पीने के पानी, सड़क, बिजली आदि मुद्दों पर चुनाव बहिष्कार का आह्वान किया है. इतना ही नहीं पूरे गांव में निवासियों ने चुनाव बहिष्कार का आह्वान करते हुए पोस्टर भी लगाए हैं.

इस घटना से देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक पुरुलिया के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है.

पुंछा ब्लॉक के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) दीप चट्टोपाध्याय ने कहा कि उन्हें भी इस घटना की जानकारी है और उन्होंने कहा कि बहुत जल्द वह गांव का दौरा करेंगे और ग्रामीणों को चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए मनाएंगे.

उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया है कि उनकी छह सूत्री मांग है और उन्होंने उन मुद्दों पर चुनाव बहिष्कार का आह्वान किया है. इस गांव में आदिवासियों की बहुलता है. हमारी टीम को गांव का दौरा करने और उनकी मांगों पर ध्यान देने और कदम उठाने का निर्देश दिया गया है.”

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के जिला अध्यक्ष जनप्रिय घोष ने कहा कि आदिवासी बहुल गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है.

उन्होंने कहा स्थानीय लोगों का पक्ष लेते हुए कहा, “पिछले 12 वर्षों में सत्ता में आने के बाद टीएमसी सरकार ने पुरुलिया के आदिवासी बहुल गांवों में स्ट्रीट लाइटिंग, पीने के पानी और पक्की सड़कों जैसी कोई बुनियादी विकास परियोजना नहीं शुरू की है. इसीलिए आदिवासियों ने चुनाव बहिष्कार का आह्वान किया है.”

वहीं उनके आरोपों का खंडन करते हुए पुंछा ग्राम पंचायत के सह सभाधिपति कृपासिंधु बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार उनके सभी मुद्दों और मांगों पर गौर करेगी.

बनर्जी ने कहा, “पिछले पांच वर्षों से MPLAD कार्यक्रम के तहत कोई काम नहीं हुआ है. भाजपा के स्थानीय सांसद ने पिछले पांच साल में कुछ नहीं किया. हमारी पार्टी के नेतृत्व और पंचायत सदस्यों ने गांव का दौरा किया है और उनकी समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रहे हैं.”

ग्रामीणों ने तालाब की खुदाई, स्नान घाट, ट्यूबवेल लगाने, जाहर थान का निर्माण आदि की मांग की है.

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