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आत्महत्या और ड्रग्स माफ़िया के जाल में फँसी आदिवासी लड़कियाँ

तिरुवनंतपुरम ग्रामीण जिला पुलिस प्रमुख एसपी दिव्या वी गोपीनाथ सोमवार को पालोड पुलिस थाना सीमा के तहत आदिवासी बस्ती कॉलोनियों का दौरा करेंगी. इस इलाक़े में हाल ही में जवान लड़कियों द्वारा आत्महत्या की एक श्रृंखला की ख़बर आई थी.

एसपी दिव्या गोपीनाथ के साथ आदिवासी विकास अधिकारी के साथ-साथ आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी होंगे.

मीडिया से बात करते हुए दिव्या गोपीनाथ ने कहा कि वो आत्महत्या करने वाली लड़कियों के परिवारों से मिलेंगी. इसके अलावा वो गाँव के सभी परिवारों से मुलाक़ात और बातचीत की कोशिश भी करेंगी.

इस सिलसिले में प्रशासन ने एक सामूहिक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया था. इस कार्यक्रम में  लोग एसपी के समक्ष अपनी चिंताओं और शिकायतों को उठा सकते थे. लेकिन बढ़ते कोविड मामलों के मद्देनजर कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था.

यह मामला पिछले दो महीनों में पालोड और विथुरा पुलिस थाना क्षेत्र के तहत पांच युवा लड़कियों द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने से संबंधित है. जिन लड़कियों के बारे में बताया जा रहा है कि जिन लड़कियों आत्महत्या की है उनमें से ज्यादातर 18 वर्ष से कम उम्र की थीं.

अभी तक प्रशासन की तरफ़ से जो बताया गया है उससे पता चला है इनमें से कम से कम चार लड़िकयों का यौन शोषण किया गया था.

इस मामले में लड़कियों के परिवार ने आरोप लगाया था कि उनकी लड़कियों की आत्महत्या में ड्रग और शराब माफिया की भूमिका है. इसके बाद आबकारी विभाग के अधिकारियों ने मामले की छानबीन शुरू की है.

एक लड़की के परिवार ने के अनुसार उसका प्रेमी गांजा सप्लाई करता था. उसी ने लड़की को भी शीले पदार्थों का सेवन करने के लिए मजबूर किया.

एक दिन पहले स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास मंत्री वीना जॉर्ज ने भी इस मामले में दखल दिया था और महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव को मामले की जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था.

पलोडे थाना प्रभारी निरीक्षक सीके मनोज ने कहा कि पिछले दो महीनों में उनके थाना क्षेत्र में तीन आत्महत्याओं की सूचना मिली है.  पुलिस का दावा है कि उसने आत्महत्याओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया था. 

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