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आंध्र प्रदेश: आदिवासियों ने क्यों किया नकली डोली विरोध प्रदर्शन

बुधवार को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के अनाकापल्ली जिले (Anakapalli district) के रोलुगुंटा में चल रहे मंडल स्तरीय ‘जगनन्नाकु चेबुधाम’ (Jaganannaku Chebudham) कार्यक्रम के दौरान आदिवासियों ने अपनी काफी समय से लंबित मांगों को लेकर एक नकली डोली विरोध प्रदर्शन किया.

जगनन्ना कॉलोनी के लाभार्थी आदिवासियों ने घर का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण मंडल स्तरीय जगनन्नाकु चेबुधाम कार्यक्रम के बीच मॉक डोली निकाल कर विरोध किया है.

दरअसल, राज्य सरकार ने आदिवासी कॉलोनी बनाने का फैसला किया था. लेकिन जगनन्ना कॉलोनी का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है.

सीपीएम पार्टी के नेता गोविंदा राव (K Govinda Rao) ने कहा है कि सरकार ने चार आदिवासी बस्तियों के लिए लोसांगी गांव में एक जगन्ना कॉलोनी में लेआउट बनाया है. लेकिन लाभार्थी आदिवासी सरकार के इस योजना से घर नहीं बना पा रहे है. क्योंकि गांव में सड़कों की कमी है और सड़क न होने के कारण घर बनाने में प्रयोग होने वाली जरूरी चीजें काम वाली जगह तक नहीं पहुंच पा रही है.

जैसे की सीमेंट, लोहा, रेत और अन्य चीजें आदि ना होने के कारण घर का निर्माण कार्य रुका हुआ है.

उन्होंने आगे कहा कि पहाड़ी की चोटी पर स्थित लोसांगी, कोठा लोसांगी, पेडागारुवु और पिथ्रिगेड्डा में 32 स्कूली बच्चे हैं. लेकिन स्कूल इन गांवों से चार किलोमीटर दूर स्थित है. हम अधिकारियों से गांवों के लिए एक शिक्षक नियुक्त करने का अनुरोध करते हैं.

इसी तरह प्री-स्कूल के 30 बच्चों की देखभाल के लिए एक आंगनवाड़ी केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए.

अराल गांव से पिथ्रिगेड्डा तक सड़क बनाने की जरूरत है. नीलीबांधा गांव में आज भी बिजली कनेक्शन नहीं है. इन बस्तियों की ज़मीनें गैर-आदिवासियों के हाथों में हैं.

वहीं क्षेत्र में खनन से होने वाले प्रदूषण के कारण रोलुगुंटा में 25 लाख रुपये से सुरक्षित पेयजल सुविधा बनाई गई. लेकिन 10 साल बाद भी मिनरल प्लांट जनता के लिए नहीं खोला जा सका है.

इन सब बातों से पता चलता है कि कई बार सरकार लोगों के लिए उनकी सुविधा के लिए योजनाएं बनाती है. लेकिन इन सब योजनाओं का लाभ दूसरी समस्याओं के कारण लोगों तक पहुंच नहीं होती है.

(Image Credit: Times of India)

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