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झाबुआ में कलेक्टर दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रही यह आदिवासी लड़की क्यों वायरल हो गई है?

मध्य प्रदेश के झाबुआ का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिस वीडियो की चर्चा आज कल हर जगह हो रही है वो आदिवासियों के हक में हो रहे प्रदर्शन का है. ये वीडियो झाबुआ कलेक्टर के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रही एक लड़की का है.

जिसमें वो अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इस स्थिति में लड़की कहती है कि कलेक्टर साहब अगर आप हमारी मांग पूरी नहीं कर सकते तो हमें कलेक्टर बना दो.

दरअसल, बुधवार को कलेक्टर दफ्तर में पीजी कॉलेज के छात्र- छात्राएं एनएसयूआई की अगुवाई में अपनी अलग-अलग समस्याओं को लेकर आए थे. वे यहां कलेक्टर सोमेश मिश्रा को ज्ञापन देना चाहते थे लेकिन कलेक्टर वहां ज्ञापन लेने नहीं पहुंचे और छात्रों को बैरीकेडिंग लगाकर रोक दिया गया.

प्रदर्शन में अपनी मांग कर रही लड़की चिल्ला-चिल्लाकर कहती है- हमारी मांगें क्यों नहीं सुनते अफसर… नहीं तो फिर हमको कलेक्टर बना दो. हम बनने के लिए तैयार हैं. सबकी मांगें पूरी कर देंगे सर. अगर आप नहीं कर पा रहे हैं तो…. उसकी इस बात को सुनते ही अगल बगल में खड़ी सभी लड़कियां हंसने लगती हैं.

लड़की आगे पूछती है- किसके लिए बनी है ये सरकार, जैसे की हम भीख मांगने के लिए यहां आए हैं. हमारे गरीब के लिए कुछ व्यवस्था करो सर. हम इतनी दूर से आते हैं आदिवासी लोग. बसों में किराया खर्च कर यहां तक आते हैं.

धूप में खड़ी लड़की ने कहा कि छात्र अपनी समस्याएं लेकर दूर-दूर से आए हैं. कलेक्टर सर के पास उनसे मिलने का समय नहीं है. आप धूप में खड़ा रहकर देखो, तब पता चलेगी हमारी परेशानी…

आदिवासी आंदोलन के दौरान इस लड़की का वीडियो खूब वायरल हो रहा है. इस लड़की का नाम निर्मला चौहान है, जो अलीराजपुर के खांडला गांव की रहने वाली है. वह झाबुआ में रहकर बीए फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रही है.

वायरल वीडियो में निर्मला कलेक्टर से अपनी मांग बुलंद आवाजों में कह रही है. लड़की के वीडियो को देखने के बाद सब उसके जज्बे की खूब तारीफ कर रहे हैं.

NSUI ने उसे झाबुआ जिले का महासचिव बनाया है. वहीं आदिवासियों के संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने तो निर्मला की यूपीएससी की पढ़ाई का खर्च उठाने तक की तैयारी दिखाई है.

जयस के प्रवक्ता डॉक्टर आनंद राय ने कहा कि लड़की का आत्मविश्वास गजब का है. जिस आत्मविश्वास के साथ उसने अपनी बात कही, वह उसकी नेतृत्व क्षमता दिखाती है. सुबह से बिना खाये-पिए ये लोग आए हैं. बसों में पूरा किराया लग रहा है. उन्हें किराये में छूट नहीं मिल रही है. पहले तो सरकार झाबुआ-अलीराजपुर के आदिवासी इलाकों में छात्रों का किराया भरती थी और अब वह भी बंद हो गया है.

उन्होंने कहा कि अगर निर्मला यूपीएससी की तैयारी करती है तो मैं उसकी मदद करूंगा. वह इंदौर में या दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी करेगी तो उसका खर्च मैं उठाने को तैयार हूं. जो कोचिंग ज्वाइन करना चाहेगी, वह कर सकेगी.

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