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छत्तीसगढ़: हाथियों के झुंड ने आदिवासी औरत को कुचला, लाश तीन टुकड़ों में मिली

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के भालुचुआ ग्राम क्षेत्र में तेजी से हो रही जंगलों की कटाई, जंगलों का घटते दायरे और जानवरों और इंसानों के बीच बढ़ते संघर्ष ने 61 साल की एक आदिवासी औरत की जान ले ली है.

भालचुआ के झझरकेरा ग्राम पंचायत इलाके में मंगलवार को हाथियों के झुंड ने 61 साल की आदिवासी महिला को कुचल दिया. उनका शरीर तीन हिस्सों में मिला.

कमर आदिम जनजाति की कमला बाई को जंगली हाथियों के झुण्ड के पैरों तले बेरहमी से कुचल दिया. कमला बाई की मौके पर ही मौत हो गई.

रात के अंधेरे में गांव के तालाब के पास शौच करने गई बूढ़ी आदिवासी महिला गुस्साए जंगली हाथियों का शिकार हो गई.

एक ग्रामीण के मुताबिक महिला की लाश तीन अलग-अलग जगहों से बरामद किया गया. जंगली हाथियों ने धान, केला और गांव की दूसरी खड़ी फसलों को भी नष्ट कर दिया.

सुबह वन एवं पुलिस विभाग की टीमों के पहुंचने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.

मगरलोड थाने के पुलिस अधिकारी सुभाष लाल ने फ्री प्रेस जर्नल को बताया कि सोमवार की रात पीड़िता का अपने पति से झगड़ा हो गया था. इसके बाद वह अपने घर से गांव वालों से अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत करने के लिए निकली. इस बीच, जंगली हाथियों ने उस पर हमला किया और उसकी मौत हो गई.

धमतरी के डीएफओ सतोविशा समाजदार ने कहा, ”हमारी टीम घटना के बाद रात में पहुंच गई थी. घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, महिला ने भी नियमों का उल्लंघन किया और एहतियाती उपायों की अनदेखी की.”

डीएफओ ने कहा कि मुआवजा पीड़ित की बेटी को दिया जाएगा क्योंकि दस्तावेज कहते हैं कि वो आदमी, जिसके साथ वह रह रही थी, उसका पति नहीं था.

(तस्वीर प्रतीकात्मक है.)

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