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भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा- मध्य प्रदेश को मिले आदिवासी मुख्यमंत्री

मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. इस बीच भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने रविवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक रैली आयोजित की. रैली को संबोधित करते हुए लोगों से अपील की कि वे सुनिश्चित करें कि प्रदेश को एक आदिवासी मुख्यमंत्री मिले.

भेल दशहरा मैदान (BHEL Dussehra Maidan) में अपने राजनीतिक संगठन ‘आज़ाद समाज पार्टी’ की रैली में उन्होंने कहा कि देश में मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है जहां पर आदिवासियों की संख्या सबसे अधिक है, लेकिन अभी तक इन समुदायों से कोई मुख्यमंत्री नहीं है.

चंद्रशेखर आजाद ने अपने इरादे साफ करते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों तक ऐसी और भी यात्राएं आयोजित की जाएंगी. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई अनेक घोषणाओं का जिक्र करते हुए उन पर सवाल उठाए और कहा कि प्रदेश को अब आदिवासी मुख्यमंत्री की जरूरत है.

भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आजाद ने कहा कि इन पार्टियों ने आदिवासी राज्यपालों और अध्यक्षों को नियुक्त किया है, जिनके पास ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं होता है लेकिन एक भी आदिवासी सीएम नहीं हैं.

उन्होंने सभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों से कहा, ‘कांग्रेस हो या भाजपा, उन्होंने हमसे हमारे अधिकार छीन लिए हैं. आपने कांग्रेस (2018 में कमलनाथ सरकार) को चुना था लेकिन वह सरकार (2020 में) गिर गई. अब हम अपनी सामूहिक शक्ति और ताकत पर भरोसा करेंगे.’

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने के लिए समाज के 85 प्रतिशत कमजोर वर्गों और अल्पसंख्यकों का एक संयुक्त मोर्चा अब मौजूद है और यह सुनिश्चित करता है कि उसे एक आदिवासी मुख्यमंत्री मिले.

रैली को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि हमारा मकसद अपने समाज के लोगों को हक दिलाने के लिए लड़ना है.

सभा में उन्होंने संयुक्त मंच की 31 मांगों को पढ़ा जिसमें ओबीसी महासभा और आदिवासी जय आदिवासी युवा शक्ति (JAYS) के नेता शामिल हैं.

इन मांगों में कमजोर वर्गों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अत्याचारों के पीड़ितों का मुआवजा बढ़ाकर 30 लाख रुपये करना, मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 700 रुपये करना, जातिगत जनगणना, सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में जाति आधारित आरक्षण, निजीकरण के सहारे आरक्षण समाप्त करने का षडयंत्र, गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवार GST से मुक्त हो, बेकसूर लोगों के घरों पर प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाने के खिलाफ और संविधान की प्रस्तावना से सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द हटाने के षड्यंत्र के खिलाफ…ये मांगें शामिल है.

चंद्रशेखर में कहा कि हम दलित, पिछड़े, आदिवासी भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. आगे का कदम सत्ता के लिए होगा. संविधान का राज चलेगा, सारा बहुजन साथ चलेगा.

(Photo Credit: PTI)

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