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आदिवासियों का सम्मान और विकास है हमारी गारंटी – पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में जनजातीय महासभा को संबोधित किया और इस दौरान 7550 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.

झाबुआ में जनजातीय महासभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास के रास्ते पर मध्यप्रदेश तेजी से दौड़ रहा है. बीते वर्षों में मध्य प्रदेश ने दो अलग-अलग दौर देखे हैं – एक डबल इंजन सरकार का दौर और दूसरा कांग्रेस के जमाने का काला दौर! कम उम्र के युवाओं को शायद याद भी नहीं होगा, आज विकास के रास्ते पर तेज़ी से दौड़ रहा मध्य प्रदेश भाजपा सरकार से पहले देश के सबसे बीमारू राज्यों में गिना जाता था.

पीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश को बीमारू बनाने के पीछे सबसे बड़ी वजह थी, गांव, गरीब और आदिवासी इलाकों को लेकर कांग्रेस का नफरत भरा रवैया. इन लोगों ने न कभी आदिवासी समाज के विकास की चिंता की न और न ही उसके सम्मान के बारे में सोचा. इनके लिए तो जनजातीय लोगों का मतलब सिर्फ कुछ वोट होता था. इन्हें गांव, गरीब और पिछड़ा की याद तब आती थी, जब चुनाव की घोषणा होती थी.

पीएम ने कहा कि राज्य में कई विकास परियोजनाएं दिखाती हैं कि डबल इंजन सरकार सभी विकास कार्यों के लिए दोगुनी गति से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज वोट बैंक नहीं, देश का गौरव है. आपका सम्मान भी और आपका विकास भी, ये मोदी की गारंटी है. आपके सपने, आपके बच्चों के सपने, नौजवानों के सपने…ये मोदी का संकल्प है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने पहली बार जनजातीय समाज के लिए नया मंत्रालय बनाया और बजट का विशेष प्रावधान किया. अटल जी ने जनजातीय इलाकों और लोगों के विकास को प्राथमिकता दी.

इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने वन उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में रिकॉर्ड वृद्धि की. एमएसपी के दायरे में आने वाली वन उपज को 10 से बढ़ाकर 90 तक पहुंचा दिया.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में वन धन केंद्र खोले ताकि जनजातीय उत्पादों को नए हाट और बाजार मिल सकें. जनजातीय समाज देश का गौरव है और देश के उज्जवल भविष्य की गारंटी है. जनजातीय लोगों का सम्मान और विकास हमारी गारंटी है. उनके सपने साकार करना सरकार का संकल्प है.

इसके अलावा पीएम ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला सरकार ने लिया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि झाबुआ जितना मध्य प्रदेश से जुड़ा है उतना ही गुजरात से भी जुड़ा है. झाबुआ और इस पूरे इलाके की गुजरात से केवल सीमा ही नहीं लगती बल्कि दोनों तरफ के लोगों के दिल भी मजबूती से जुड़े हुए हैं.

उन्होंने कहा कि गुजरात में रहते हुए मुझे यहां के जनजीवन से यहां परंपराओं से करीब से जुड़ने का अवसर मिला. गुजरात में मैंने देखा था कि आदिवासी पट्टों में स्कूलों की कमी के कारण बच्चों को स्कूल जाने के लिए कई किलोमीटर चलना पड़ता था. मैं मुख्यमंत्री बना तो इन पट्टों में मैंने स्कूल खुलवाए. अब आदिवासी बच्चों के लिए मैं देशभर में एकलव्य आवासीय स्कूल खुलवा रहा हूं.

पीएम ने आगे कहा कि झाबुआ, रतलाम, खरगोन, धार और आसपास के युवाओं की उच्च शिक्षा आसान होगी. क्योंकि आदिवासी विद्यार्थियों के लिए पूरे देश में एकलव्य आवासीय स्कूल आरंभ किया जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इतने वर्षों में केवल 100 एकलव्य स्कूल खोले थे जबकि भाजपा की सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में ही इससे चार गुना ज्यादा एकलव्य स्कूल खोल दिए हैं. आदिवासी बच्चे शिक्षा के अभाव में पीछे रह जाए, यह सरकार को स्वीकार नहीं है.

पीएम मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज हजारों सालों से वन संपदा से अपनी रोजी-रोटी चला रहा है. पिछली सरकार ने जनजातीय लोगों के अधिकार पर कानूनी पहरे लगा दिए थे. वन संपदा कानून में बदलाव कर केंद्र सरकार ने जनजातीय समाज को वन भूमि से जुड़े अधिकार लौटाए हैं.

उन्होने कहा कि जनजातीय परिवारों में सिकल सेल एनीमिया हर वर्ष कई लोगों की जान ले रहा था. केंद्र की सरकार ने सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए अभियान शुरू किया.

सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम है कि जनजातीय समाज अब विकास की दौड़ में लगातार आगे बढ़ रहा है. स्वामित्व योजना के माध्यम से 1 लाख 75 हजार लोगों को स्वामित्व अधिकार पत्र दिए गए हैं. यह केवल अधिकार पत्र नहीं बल्कि आपकी जिंदगी में सुरक्षा पत्र भी हैं. यह सुरक्षा की गारंटी का पत्र है. परिवारों को भूमि विवादों और सूदखोरों से सुरक्षा मिलेगी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जो सबसे वंचित और सबसे पिछड़ा है, वही हमारी सरकार के लिए सबसे पहली प्राथमिकता है. सबसे पिछड़े जनजातीय समूह के लिए पीएम जनमन योजना आरंभ की है. जो जनजातीय समाज अब तक विकास की मुख्य धारा से कटा हुआ था, जनमन योजना के तहत उनका तेज़ी से विकास शुरू किया गया है.

इसका लाभ मध्य प्रदेश के बैगा, भारिया और सहरिया जैसे जनजाति समूह को होने वाला है. जनजातीय जिलों में पीएम जन मन योजना में हजारों करोड़ के काम कराए जा रहे हैं.

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