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राहुल ने आदिवासी बहुल नंदुरबार में जाति जनगणना, आर्थिक सर्वेक्षण का किया वादा

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को पार्टी के सत्ता में आने पर  देशव्यापी जाति जनगणना (Caste census) कराने का वादा किया और कहा कि वह देश के प्रत्येक आदिवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहते हैं.

इतना ही नहीं अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) के हिस्से के रूप में महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल नंदुरबार जिले (Nandurbar district) में बोलते हुए, राहुल ने आदिवासी क्षेत्रों (Tribal areas) के वास्तविक विकास का विश्लेषण करने के लिए एक आर्थिक और वित्तीय सर्वेक्षण कराने का भी वादा किया.

उन्होंने कहा, “एक बार जब हम सत्ता में आएंगे तो कांग्रेस देश भर में जाति जनगणना और आर्थिक और वित्तीय सर्वेक्षण कराएगी. यह एक क्रांतिकारी कदम होगा… हमारे पास प्रत्येक जाति और जनसंख्या में उसके प्रतिनिधित्व का सटीक डेटा होगा.”

राहुल ने कहा कि इस तरह का सर्वेक्षण आदिवासी समुदायों की समस्याओं का पता लगाने के लिए एक्स-रे के रूप में काम करेगा.

उन्होंने कहा कि भले ही आदिवासी आबादी का लगभग आठ प्रतिशत हिस्सा हैं लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में उनका प्रतिनिधित्व उनकी आबादी के बराबर नहीं है.

उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के 24 औद्योगिक घरानों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया है. उन्होंने दावा किया कि यह राशि मनरेगा के 24 साल के बजट के बराबर है.

एक बार फिर आदिवासी समुदायों को ‘वनवासी’ कहने के लिए भाजपा की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी उन्हें ‘आदिवासी’ कहती है क्योंकि वे मूल निवासी हैं और जल, जमीन और जंगल पर उनका पहला अधिकार है.

राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा आदिवासियों को ‘वनवासी’ कहती है लेकिन पार्टी के ‘उद्योगपति मित्रों’ के लिए उनकी जमीनें छीन लेती है.

उन्होंने कहा कि आदिवासी हिंदुस्तान के पहले मालिक हैं. देश में जो भी जल, जंगल, जमीन और धन-संपदा है, आदिवासी उसके असली मालिक हैं. आदिवासी शब्द के साथ जल, जंगल, जमीन का अधिकार जुड़ा है. जबकि वनवासी शब्द में कोई अधिकार नहीं है. इसीलिए हम आपको आदिवासी और भाजपा आपको वनवासी कहती है.

उन्होंने आगे मोदी सरकार पर वन अधिकार अधिनियम और भूमि अधिग्रहण अधिनियम जैसे विभिन्न कानूनों को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो कानून में सुधार करेगी.

राहुल ने कहा, “भाजपा ने वन अधिकार अधिनियम या भूमि अधिग्रहण अधिनियम जैसे कानूनों को कमजोर कर दिया. हम न केवल उन्हें मजबूत करेंगे बल्कि यह सुनिश्चित करेंगे कि आदिवासियों के दावों का निपटारा एक साल के भीतर किया जाए. भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने वन अधिकार अधिनियम के तहत हजारों दावों को गलत तरीके से खारिज कर दिया और आदिवासियों को जंगलों तक पहुंच से वंचित कर दिया है.”

इसके अलावा राहुल ने यह भी वादा किया कि 50 प्रतिशत से अधिक आदिवासी आबादी वाले जिलों को 6वीं अनुसूची में शामिल किया जाएगा जो स्वायत्त संस्थाओं के रूप में ऐसे क्षेत्रों के प्रशासन का प्रावधान करता है.

नंदुरबार कांग्रेस का गढ़ था लेकिन 2014 के बाद से भाजपा और आरएसएस जिले में पैठ बनाने में कामयाब रहे हैं.

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