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छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल की आदिवासी लड़की को नासा (NASA) प्रोजेक्ट के लिए चुना गया

छत्तीसगढ़ के महासमुंद ज़िले की रीतिका ध्रुव नासा (NASA) के एक प्रोजेक्ट के लिए चुनी गई हैं. रितिका ध्रुव का चयन नासा के सिटीजन साईंस प्रोजेक्ट के अंतर्गत क्षुद्रग्रह खोज अभियान के लिए हुआ है. 

रितिका 16 साल की हैं और उन्होंनेरितिका ध्रुव ने भिलाई के आईआईटी सेंटर में 25 सितंबर को अपने टीम के अन्य सदस्य वोरा विघ्नेश आंध्रप्रदेश, वेंम्पति श्रीयेर आंध्र प्रदेश, ओलविया जॉन केरल, के प्रणीता महाराष्ट्र और श्रेयस सिंह महाराष्ट्र के साथ अपने मेंटर आशुतोष सिंह के साथ आईआईटी मुंबई और सतीश धवन स्पेस सेंटर के वैज्ञानिकों को एक प्रेजेंटेशन  दिया था. 

इस प्रेजेंटेशन का विषय वेक्यूम इन स्पेस देन..हाउ नासा फाउंट दी साउंड फ्रॉम ए ब्लैक होल (Vaccum in space then..how NASA found the sound from a black hole) था.

उन्हें नासा से साथ आयोजित अंतरराष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग कैंपेन (Asteroid search campaign) के लिए चुना गया है. रितिका स्वामी आत्मानंद सरकारी स्कूल में 11वीं कक्षा की छात्रा हैं. उनके स्कूल के प्रिंसिपल  अमि रुफुस ने बताया कि रितिका का बचपने से खोगल विज्ञान में रुचि रही है. इस उपलब्धि के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “आज रितिका ने साबित कर दिया कि वह बाकियों से बेहतर है. अब वो नासा के प्रोजेक्ट में काम करेगी. यह उसके लिए और स्कूल के लिए बड़ी उपलब्धि है.” 

उन्होंने रितिका के बारे में बात करते हुए कहा, “अभी रितिका 1-6 अक्टूबर तक एक ट्रेनिंग ले रही है. इस ट्रेनिंग में वह गुरुत्वाकर्षण बल, तारों का टकराना, ब्लैक होल जैसी बातों को समझेगी.”

एक सप्ताह की ट्रेनिंग के बाद रितिका नवंबर में इसरो के ऐस्टरोयड हंटिंग कैंप (asteroid hunting camp) का हिस्सी बनेंगी. इस कैंप में रितिका एक महीने तक रहेंगी. 

स्कूल प्रिंसिपल ने बताया कि रितिका अपनी पढ़ाई के बारे में काफ़ी गंभीर रहती है. इसके अलावा वो लगातार ऑनलाइन क्विज़ में भी हिस्सा लेती रही थी. 

रितिका एक ग़रीब मेहनतकश परिवार से आती हैं. उनके पिता साइकल मरम्मत की दुकान चलाते हैं. 

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