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आदिवासी नृत्य महोत्सव: झारखंड के कलाकार ‘हो’ नृत्य की प्रस्तुति देंगे

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में  राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव का तीन दिवसीय आयोजन में हिस्सा लेने के लिए अलग अलग राज्यों की टीमें पहुँच चुकी हैं. इस महोत्सव में झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम की हो सांस्कृतिक दल के लोक कलाकार “हो नृत्य” की प्रस्तुति देंगे. 

झारखंड की परंपरा में इस नृत्य में फसल की बुआई से लेकर फसल की कटाई एवं उसके पश्चात की सभी गतिविधियों को पारंपरिक वाद्ययंत्रों की संगीतमय प्रस्तुति के माध्यम से दिखाया जाता है. 

दल के निर्देशक श्री सोमाय देवगम एवं जुलियानी कोड़ा ने बताया कि झारखंड की लोक परंपरा में हो लोकनृत्य हो जनजाति के त्यौहार के अवसर पर किया जाता है. जिसमें खेती की बुआई, कटाई और इस दौरान लोकजीवन की प्रमुख गतिविधि, विविध परंपराओं से जुड़े रिवाजों को अभिव्यक्त किया जाता है. 

यह नृत्य आदिवासी लोकजीवन की शैली का को ही पेश करता है.

हो लोक नृत्य लगभग 20-30 मिनट तक प्रस्तुत किया जाता है. मूलतः 21 लोगों का समूह इस नृत्य को प्रस्तुत करता है. इस समूह में अक्सर 14 महिलाएं और 7 पुरुष लोक कलाकार शामिल होते हैं. 

झारखंड से आए कलाकारों ने आज इस नाच की प्रैक्टिस की है. इस नृत्य की शुरुआत झारखंडी जोहार से होती है. दरअसल जोहार का मतलब है कि कलाकार दर्शकों का लोकरीति से स्वागत और अभिनंदन करते हैं. 

इसके बाद मांगे पर्व, बाहा पर्व, जंगल में शिकार का दृश्य, गोबर का छिड़काव, धान बुनना, धान रोपना, हेरोअः पर्व, धान काटना, मछली पकड़ना, नहाना, फूल तोड़कर लगाना, हड़िया पिलाना, जोड़ी बनाना, संदेश, परिवार नियोजन, अंतिम सलामी और टाटा-टाटा इस नृत्य में प्रस्तुतियों के अलग-अलग चरण हैं.

झारखंड से आए “हो सांस्कृतिक दल” के कलाकारों ने छत्तीसगढ़ आने पर प्रशंसा जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा के विषय में बहुत सुन रखा था, आज यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है. 

झारखंड से आए कलाकार अपनी प्रस्तुति की तैयारी काफ़ी संजीदा अंदाज़ में करते देखे गए. उन्होंने कहा कि उनकी पूरी कोशिश होगी कि वो इस उत्सव में एक अच्छी प्रस्तुति दें और ईनाम जीतें. 

कल से शुरू हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में मोजाम्बिक, टोगो, मंगोलिया, रूस, इंडोनेशिया, सर्बिया, न्यूजीलैंड, इजिप्ट और मालदीव कलाकारों सहित देश के विभिन्न राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के लगभग 15 सौ कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे.

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