17 जुलाई 2025 को राजस्थान के बांसवाड़ा में स्थित मानगढ़ धाम पर हज़ारों की संख्या में भील आदिवासी जमा हुए. ये आदिवासी राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से पहुंचे थे.
इन आदिवासियों ने एकबार फिर से ज़ोरशोर के साथ एक अलग भील प्रदेश बनाने के आंदोलन को तेज़ करने का प्रण किया.
मानगढ़ धाम भीलों की बलिदान भूमि कही जाती है. इसलिए भील प्रदेश की मांग करने वाले आदिवासी परिवार ने भील प्रदेश संदेश यात्रा के लिए मानगढ़ धाम को चुना था.
जिन लोगों ने यहां पर हुई आदिवासी जनसभा को संबोंधित किया, उनमें बांसवाड़ा के लोकसभा सांसद राजकुमार रोत भी थे.
मैं भी भारत के संपादक श्याम सुंदर ने राजकुमार रोत से बातचीत की. इस बातचीत में भील प्रदेश की मांग और उससे जुड़ी चुनौतियों और रणनीति पर कई सवाल-जवाब हुए.