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सबर को भूख लील जाएगी, एक और जनजाति विलुप्त हो सकती है

झारखंड में ब्लॉक डुमरिया, पूर्वी सिंहभूम में आस्ता कोवाली नाम की एक बस्ती है. इस बस्ती में सवर या सबर पुकारे जाने वाले आदिवासी रहते हैं.  

इस बस्ती में अकाल मृत्यु बेहद ही सामान्य बात है. इस समुदाय के संबंध में जब अकाल मृत्यु की बात की जाती है तो उसका मतलब किसी दुर्घटना या किसी आसामान्य कारण से मृत्यु नहीं होता है.

यहां  कुपोषण, भूख और टीबी से  मौत होती है. अकाल मृत्यु इसलिए कही जा रही है क्योंकि भारत में जो आज जीवन प्रत्याशा है उसकी तुलना में इस समुदाय में लोग बहुत कम साल ही जीते हैं. भूख और मौत के खेल में परिवारों में रिश्तों की पकड़ भी ढीली हो रही है….यहां परिवार तेज़ी से टूट रहे हैं.

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