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भील वीरांगना कालीबाई की कहानी

18 जून 1947 का दिन दक्षिण राजस्थान के इतिहास के पन्नों में हमेशा अमर रहेगा. इस दिन एक बालिका ने वह किया जिसकी मिसाल शायद कम ही मिलती हैं. इस लड़की की उम्र महज 13 साल थी और उसका नाम था, कालीबाई कालासुआ.  कालीबाई भील समुदाय की वह बालिका थी जिस पर आज भील समुदाय गर्व करता है. कालीबाई ने छोटी सी उम्र में वो कर दिया जिससे राजस्थान के  लोगों के मन में आज़ादी की उमंग जाग उठी.   

कालीबाई महज़ 13 वर्ष की थी, जब उन्होंने अपने अध्यापक की जान बचाते हुए खुद को कुर्बान कर दिया. उनकी कहानी, आज भी आदिवासियों को अपने हक के लिए लड़ने को प्रेरित करती है.

आईए आज हम सुनते है कालीबाई की यह अनसुनी कहानी.

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