Mainbhibharat

गुजरात में बीजेपी का ‘मिशन 150-प्लस’, आदिवासी सरोकार पर ज़ोर

गुजरात विधानसभा चुनाव में क़रीब 6 महीने का वक़्त बचा है. ज़ाहिर है पार्टियों के पास अपनी चुनावी रणनीति तय करने के लिए ज़्यादा समय नहीं है. 20 साल से ज़्यादा से सत्ता में काबिज़ भारतीय जनता पार्टी भी चुनाव से पहले अपनी सभी कमज़ोरियों को हटाने और अपनी ताक़तों को और ठोस करने के रास्ते पर चल पड़ी है.

इसके लिए बीजेपी ने दो दिन का एक चिंतन शिविर किया, जो कल अहमदाबाद में ख़त्म हो गया. गुजरात विधानसभा के लिए इस साल होने वाले चुनाव पर चर्चा और गेमप्लान बनाने के लिए ही पार्टी ने यह विचार-मंथन आयोजित किया था.

शिविर के ख़त्म होने पर पार्टी ने 182 सदस्यों वाली गुजरात विधानसभा में 150 से ज़्यादा सीटें जीतने पर ज़ोर दिया.

ख़बरों के अनुसार राज्य के आदिवासी इलाकों में अपनी पहुंच बढ़ाने और अपना पैर मज़बूत करने पर ख़ास चर्चा हुई. आदिवासी मतदाताओं का विश्वास हासिल करने के लिए पार्टी उन इलाक़ों में प्रधानमंत्री मोदी की ज़्यादा से ज़्यादा रैलियां आयोजित करने पर विचार कर रही है.

विपक्षी कांग्रेस और गुजरात चुनाव के मैदान में पहली बार उतर रही आम आदमी पार्टी दोनों ही अपना ध्यान ख़ासतौर से आदिवासी इलाक़ों पर केंद्रित कर रही हैं. राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते ही आदिवासी बहुल जिले दाहोद में एक बड़ी रैली को संबोधित किया था. केजरीवाल एक मई को भरूच के चंदेरिया में थे. आप गुजरात में भारतीय ट्राइबल पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव में उतर रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन दोनों नेताओं ने गुजरात पहुंचने से कुछ दिन पहले 20 अप्रैल को ही आदिवासी केंद्र दाहोद में 22,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया था.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी के ‘मिशन 150-प्लस’ के प्लान में एक ख़ास सोशल मीडिया नीति का इस्तेमाल कर आम आदमी पार्टी को रोकना, “कमजोर सीटों” पर उम्मीदवारों के चयन में सावधानी और चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की भूमिका शामिल है.

चिंतन शिविर में अमित शाह, पार्टी महासचिव बीएल संतोष, पार्टी के राज्य सह प्रभारी सुधीर गुप्ता और गुडजरात बीजेपी ने शीर्ष नेता मौजूद थे.

शिविर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, शाह ने कहा, “1990 से, भाजपा गुजरात में ऐसे परिणाम हासिल कर रही है, जो पहले असंभव लगते हैं. 2022 का चुनाव जीत या हार के बारे में नहीं है. यह हमारी पार्टी की विचारधारा से जुड़ा है. गुजरात में इस साल हमारी जीत 2024 के अगले लोकसभा चुनाव की नींव होगी.”

Exit mobile version