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चेंचू आदिवासियों को कोविड से बचाए रखने के लिए सलेश्वरम जात्रा हुई रद्द

राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए, तेलंगाना वन विभाग ने इस साल की सलेश्वरम जात्रा को रद्द कर दिया है. जात्रा के तहत 26 और 27 अप्रैल को अमराबाद टाइगर रिज़र्व के अंदर स्थित लिंगमैया मंदिर में विशेष पूजा होनी थी.

हर साल तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से हज़ारों श्रद्धालु सलेश्वरम जात्रा के दौरान लिंगमैया मंदिर तक पैदल यात्रा करते हैं.

नागरकुरनूल के ज़िला वन अधिकारी (डीएफ़ओ) ने आज जात्रा के रद्द होने पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी ती.

इसमें कहा गया है कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों और उससे रोज़ाना हो रही मौतों के मद्देनज़र जात्रा को रद्द करने का फैसला किया गया.

साथ ही महामारी के इस दौर में बड़ी संख्या में लोगों का अमराबाद टाइगर रिज़र्व के अंदर जाना इलाक़े के चेंचू आदिवासियों के जीवन को खतरे में डाल सकता है.

चेंचू एक आदिम जनजाती या पीवीटीजी है, जो लिंगमैया मंदिर के आसपास के गाँवों में रहते हैं.

डीएफ़ओ ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे इस साल के जत्थे के लिए अपनी योजनाओं को रद्द करें, और वन विभाग के साथ सहयोग करें.

चेंचू आदिवासी अभी भी अपने जीवन के लिए पूरी तरह से जंगल पर निर्भर हैं. वह खेती नहीं करते हैं, और अपने खाने के लिए शिकार करते हैं. वास्तव में चेंचू आदिवासी भारत के उन गिने-चुने जानजातियों में से एक हैं जो अभी भी हंटर-गैदरर की तरह जीते हैं.

हाल ही में अमराबाद टाइगर रिज़र्व के जंगलों में लगी आग में चार चेंचू आदिवासियों की मौत हो गई थी.

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