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महाराष्ट्र: आदिवासी बच्चे अंग्रेज़ी मीडियम में नहीं पढ़ पाएंगे

महाराष्ट्र (Tribes of Maharashtra) के नागपुर में अंग्रेज़ी माध्यम से पढ़ाई करने वाले कई आदिवासी बच्चों (tribal education) को अगली कक्षा में दाखिला नहीं दिया जा रहा है.

जिन स्कूलों में सरकारी योजना के तहत ये आदिवासी बच्चे पढ़ रहे थे, उन्होंने इन बच्चों को अगली क्लास में अभी तक दाखिला नहीं दिया है.

स्कूल ने यह बताया है कि एक सरकारी आदेश की वजह से यह फैसला लिया गया है. नागपुर के अतिरिक्त आयुक्त ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि सरकार ने पिछले साल ही यह आदेश जारी किया था.

लेकिन पिछले सरकार ने बच्चों के एक साल की पढ़ाई पूरी करने का अवसर दिया था. उन्होंने बताया कि यह योजना दरअसल आवासीय स्कूलों यानि उन स्कूलों में ही लागू होती है जहां पर हॉस्टल की सुविधा मौजूद है.

जिन आदिवासी बच्चों को अगली क्लास में दाखिला देने से मना कर दिया गया है उन्होंने गिरिपेठ में स्थित आदिवासी कल्याण विभाग के सामने विरोध प्रदर्शन किया.

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इस प्रदर्शन में शामिल कोमल पेनडोर ने कहा, “स्कूल विभाग को यह बात पहले ही बतानी चाहिए थी. इस समय अब कौन-सा स्कूल इन बच्चों को दाखिला देगा.”

42 वर्षीय मूलचंद खोले भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल थे. उन्होंने कहा, “ सरकार ने हमसे यह वादा किया था की हमारे बच्चों को वे कक्षा 1 से 9 तक मुफ्त शिक्षा देंगे. अब वे ऐसे मुकर नहीं सकते.” राज्य में फ़िलहाल लोकसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता लगी हुई है. इसलिए इस मामले में तुरंत किसी हल की उम्मीद कम ही नज़र आती है.

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