Site icon Mainbhibharat

वन संरक्षण संशोधन विधेयक: 31 में से सिर्फ़ 6 सांसदों ने आपत्ति दर्ज कराई

वन (संरक्षण) संशोधन बिल को हरि झंडी देने वाली संयुक्त संसदीय समिति के कम से कम 6 सदस्यों ने इस बिल पर आपत्ति दर्ज कराई हैं. इन सदस्यों ने वन भूमि के बड़े हिस्से को इस कानून की पाबंदी से छूट देने पर ऐतराज़ जताया है.

वन (संरक्षण) संशोधन बिल पर विवाद के बाद संसद के दोनों सदनों की सहमति से इसे एक संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया था. इस समिति ने अपनी रिपोर्ट का फ़ाइनल ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. अभी यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है. लेकिन यह पता चला है कि कमेटी ने इस बिल को पूरी तरह से मंजूरी दी है. 

संयुक्त समिति ने इस बिल में किसी तरह के बदलाव का सुझाव या प्रस्ताव नहीं दिया है. अब उम्मीद की जा रही है कि संसद के मानसून सत्र में जब यह रिपोर्ट टेबल हो जाएगी तो सरकार नए सिरे से इस बिल को पास कराने के लिए संसद में लाएगी.

इस बिल के प्रवाधानों पर आपत्ति दर्ज कराने वाले सभी 6 सांसद विपक्षी दलों के हैं. इन सांसदों की आपत्ति में सीमावर्ती इलाकों के 100 किलोमीटर के दायरे में वन भूमि को इस कानून से छूट देने के फ़ैसले को ख़तरनाक बताया है.

इन सांसदों ने अपनी आपत्ति में कहा है कि इस प्रावधान के बाद पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालय के जंगल का अधिकांश हिस्सा वन संरक्षण कानून 1980 के दायरे से बाहर हो जाएगा. 

विधेयक की मुख्य बातें

प्रमुख मुद्दे और आपत्ति

Exit mobile version