छत्तीसगढ़ राज्य भारत के मध्य-प्रदेश राज्य का एक हिस्सा है, और यहां विभिन्न समुदायों और जातियों के लोग रहते हैं। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले में तंवर समुदाय खुद को राजपूत मानता है. इस समुदाय के लोग ‘ठाकुर साहब’ का संबोधन पसंद करते हैं. लेकिन क़ानूनी तौर पर इस समुदाय को आदिवासी समुदाय में गिना जाता है.
इस पहेली से हमारा सामना हुआ जब हम छत्तीसगढ़ के कवर आदिवासियों से मिलने के सिलसिले में लाफ़ा नाम के गांव में पहुंचे. इस गांव में हमें पता चला कि इस गांव में कवर आदिवासी समुदाय के अलावा गोंड और तंवर आदिवासी भी रहते हैं.
छत्तीसगढ़ के तंवर आदिवासी हैं या राजपूत?
इस सिलसिले में और बात हुई तो गांव के लोगों ने बताया कि वैसे तो तंवर राजपूत हैं. लेकिन यहां पर उनको आदिवासी गिना जाता है. इसके बाद तंवर जाति के कुछ लोगों से मुलाक़ात हुई. इन लोगों ने दावा किया कि वो दिल्ली और आस-पास के इलाके में रहने वाले तंवर राजपूतों के ही वंशज हैं.
उनका दावा था कि वो मुगल काल में बार बार के आक्रमणों से तंग आ कर यहां आ बसे थे.
अगले दिन हमारी मुलाक़ात यहां के ज़मींदार परिवार से हुई. इस परिवार का एक समय में यहां क्या जलवा रहा होगा, उनके महल के खंडहर बता रहे थे.
इसके बाद जो कहानी सामने आई वो बेहद दिलचस्प कहानी थी. दरअसल यह एक और मामला था जब किसी शोषित समुदाय के संपन्न लोगों ने शोषण करने वाले समाज में सम्मान तलाश करने के लिए अपने समाज से खुद को दूर कर लिया.
सामान्य प्रश्न:
क्या छत्तीसगढ़ एक आदिवासी राज्य है?
हाँ, छत्तीसगढ़ एक आदिवासी राज्य है। छत्तीसगढ़ राज्य भारत के मध्य प्रदेश राज्य के उत्तर-पूर्व में स्थित है और यहां विभिन्न आदिवासी समुदायों के लोग रहते हैं। ये आदिवासी समुदाय अपनी विशेष सांस्कृतिक संस्कृति, समुद्र और जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य में कई जातियाँ हैं और किसी एक जाति को “सबसे अधिक” कहना सही नहीं है, क्योंकि राज्य की जनसंख्या विभिन्न जातियों के लोगों का मिश्रण है। छत्तीसगढ़ में बीजा, कोया, गोंड, बघेली, मुरिया, ओराओ, धानुक, धुरुवा आदि विभिन्न आदिवासी समुदायों के लोग निवास करते हैं और इन सभी जातियों का अपना-अपना महत्वपूर्ण स्थान है।
तंवर सामान्यतः अनुसूचित जाति नहीं है। यह एक ब्राह्मण जाति है जो भारतीय जाति व्यवस्था में आती है। ब्राह्मण जातियाँ भारतीय समाज में कानून, शिक्षा और पूजा के क्षेत्र में उच्च स्थान रखती हैं। तंवर जाति भी एक ऐसी ही जाति है, जो विभिन्न क्षेत्रों में अपने गोत्र, कुल देवता और स्थानीय परंपराओं के अनुसार विभिन्न समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का पालन करती है।