इडुक्की ज़िले के पीरुमेडु इलाके में एक आदिवासी महिला की संदिग्ध मौत ने सभी को चौंका दिया है.
पहले कहा गया था कि महिला की मौत जंगली हाथी के हमले से हुई है लेकिन अब डॉक्टर और पुलिस इस पर सवाल उठा रहे हैं.
मामला अब हादसे से ज्यादा हत्या जैसा लगने लगा है.
कौन थीं सीता और क्या हुआ था?
42 साल की सीता अपने पति बीनू के साथ मीनमुट्टी जंगल में वन उपज इकट्ठा करने गई थीं. वहीं पर उनकी मौत हो गई.
बीनू ने बताया था कि जंगल में अचानक एक हाथी आ गया और उसने सीता पर हमला कर दिया.
बीनू के अनुसार, हाथी ने सीता को सूंड से उठाकर पटक दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
उसने यह भी कहा कि हाथी ने उसे भी उठाकर फेंका लेकिन वह किसी तरह बच गया.
पोस्टमार्टम में सामने आया संदेह
जब सीता के शव का पोस्टमार्टम हुआ तो डॉक्टरों को उसकी मौत के कारणों पर शक हुआ.
उनके अनुसार सीता के शरीर पर जो चोटें थीं, वे हाथी के हमले से मेल नहीं खाती हैं.
तालुक अस्पताल और कोट्टायम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने बताया कि अगर हाथी ने हमला किया होता तो शरीर पर गहरी और बड़ी चोटें होतीं. लेकिन जो घाव पाए गए वे अलग तरह के थे. इसीलिए मामला वन विभाग और पुलिस को सौंपा गया.
पति पर क्यों हुआ शक?
सबसे बड़ी बात जिससे सीता का पति बीनू शक के घेरे में आया वह ये थी कि बीनू को कोई भी चोट नहीं आई थी.
उसने कहा था कि हाथी ने उसे भी फेंका था लेकिन जांच में उसके शरीर पर एक भी खरोंच नहीं मिली.
कोट्टायम के डिविज़नल फॉरेस्ट ऑफिसर एन. राजेश ने बताया कि जब घटना हुई, तब वहां केवल सीता और बीनू थे.
उनके बच्चे काफी दूर पीछे थे. उन्होंने भी शरीर पर लगे घावों को देखकर पुलिस को सूचना दी.
बीनू का जवाब और आरोप
रविवार को मीडिया से बात करते हुए बीनू ने फिर कहा कि उसकी पत्नी की मौत हाथी के हमले से ही हुई है.
उसने यह भी आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी और डॉक्टर उसे फंसा रहे हैं.
उसका कहना है कि उसे जानबूझकर दोषी बनाने की साजिश की जा रही है.
सरकार का क्या कहना है?
केरल के वन मंत्री ए. के. ससींद्रन ने बताया कि डॉक्टरों को जब शक हुआ तभी विस्तृत पोस्टमार्टम कराया गया.
उन्होंने कहा कि बिना पूरी जांच के किसी को दोषी ठहराना ठीक नहीं है. सच्चाई सामने आने तक सभी को संयम रखना चाहिए.
फिलहाल पुलिस और वन विभाग की टीमें घटना की जांच कर रही हैं. वे उस जगह भी गए जहां सीता की मौत हुई थी.
अब सभी को पोस्टमार्टम की पूरी रिपोर्ट का इंतजार है. उसी से तय होगा कि यह वाकई हाथी का हमला था या किसी ने सीता की जान ली.