HomeAdivasi Dailyआदिवासी माँ बाप को अख़बार से मिली बेटी के बलात्कार की ख़बर

आदिवासी माँ बाप को अख़बार से मिली बेटी के बलात्कार की ख़बर

अब उन्हें डर है कि यौन शोषण लंबे समय से हो रहा था, क्योंकि लड़कियां अकसर गर्मी की छुट्टियों के बाद सेंटर वापस जाने का विरोध करती थीं.

छत्तीसगढ़ के जशपुर के एक सरकारी सेंटर में छह आदिवासी लड़कियों के साथ बलात्कार और यौन शोषण की ख़बर इन लड़कियों के माता-पिता को मीडिया से मिली.

पिछले हफ़्ते मूक-बधिर बच्चों के लिए एक सरकारी सेंटर में छह नाबालिग लड़कियों को नंगा कर, उनका पीछा किया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया.

मंगलवार को इन लड़कियों के मात पिता जशपुर ज़िला मुख्यालय पहुंचे और बच्चों को वापस पाने की मांग की. उनका आरोप है कि उन्हें अपने बच्चों से मिलने नहीं दिया गया.

उनका कहना है कि उन्हें किसी ने घटना के बारे में नहीं बताया, तब भी नहीं जब एफ़आईआर दर्ज की गई. उन्हें ख़बर मीडिया से मिली.

अब उन्हें डर है कि यौन शोषण लंबे समय से हो रहा था, क्योंकि लड़कियां अकसर गर्मी की छुट्टियों के बाद सेंटर वापस जाने का विरोध करती थीं.

सरकार द्वारा संचालित इस आवासीय प्रशिक्षण केंद्र के कार्यवाहक और चौकीदार को मूक-बधिर लड़कियों का यौन शोषण करने, और 17 साल की एक बच्ची के साथ बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

केंद्र के अधीक्षक और एक दूसरे अधिकारी को निलंबित भी किया गया है. जशपुर कलेक्टर महादेव कांवरे की जगह सोमवार देर रात रितेश अग्रवाल ने ले ली.

रोते हुए एक बच्ची की मां ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से कहा, “घटना के पाँच दिन बाद भी, हमारी लड़कियाँ उसी जगह पर रह रही हैं जहाँ उनके साथ यह हुआ. सिर्फ़ दो गिरफ्तारियां काफ़ी नहीं हैं.”

माता-पिता का आरोप है कि प्रशासन इस घटना को गंभीरता से नहीं ले रहा है. वो पूछते हैं कि इस केंद्र को चलाने वाली संस्था, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के ज़िला संयोजक विनोद पैकरा के खिलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं की गई है.

इनके विराध के बाद मंगलवार शाम को पैकरा को निलंबित कर दिया गया.

IG-सरगुजा रेंज अजय यादव ने अखबार से कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि माता-पिता लड़कियों से मिले सकें, और पैकरा की भी जांच होगी.

अगर पैकरा के खिलाफ कुछ पाया जाता है, तो उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. लड़कियां फ़िलहाल चाइल्ड लाइन और महिला एवं बाल कल्याण विभाग की देखरेख में हैं.

मंगलवार देर शाम सरगुजा डिविज़नल कमिश्नर जी किंडो ने पैकरा को निलंबित करने का आदेश दिया है.

कलेक्टर कांवरे ने अपने ट्रांस्फ़र से पहले लड़कियों के सभी हॉस्टल और आश्रमों में महिला होमगार्ड तैनात करने और पुरूषों के प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश दिया था.

1 COMMENT

  1. ये अमानवीय घटना मेरे जिले की है ,ये ये घटना अति निंदनीय है।भारत की आदिवासी बेटियां अभी भी असुरक्षित है।नशा की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए।और प्रशासन द्वारा संचालित (समर्थ प्रशिक्षण केंद्र जशपुर )ये घटना दिव्यांग बालिकाओं के साथ हुआ है, बहुत ही शर्मनाक घटना है। बालिकाओं के लिए केयरटेकर और पियुन के लिए महिलाओंं की है नियुक्ति दी जानी चाहिए।पर पूरा प्रशासन व्यवस्था भ्रष्ट है।और नशे की बिक्री बिल्क़ुल ही बंद होनी चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments