HomeAdivasi Dailyझारखंड की इन 4 आदिवासी लोकसभा सीटों पर महिला मतदाताओं का दबदबा

झारखंड की इन 4 आदिवासी लोकसभा सीटों पर महिला मतदाताओं का दबदबा

झारखंड की 14 में से 5 लोकसभा सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व हैं. पिछले चुनाव में तीन सीटों पर भाजपा तो एक-एक सीट पर झामुमों और कांग्रेस की जीत हुई थी. लेकिन एसटी के लिए रिजर्व 5 सीटों में से चार सीटों पर इस बार का समीकरण बदल गया है. वजह है महिला वोटरों की पुरुष वोटरों से ज्यादा संख्या.

झारखंड में चार लोकसभा सीट पर महिला मतदाता निर्णायक भूमिका निभाएंगी क्योंकि वहां मतदाता सूची में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है.

जिन चार लोकसभा सीट पर महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा हैं, उनमें राजमहल, सिंहभूम, खूंटी और लोहरदगा शामिल हैं. ये सभी सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं.

सिंहभूम, खूंटी और लोहरदगा में 13 मई को मतदान होगा जबकि राजमहल में एक जून को मतदान होगा. झारखंड में 14 लोकसभा सीटें हैं.

राजनीतिक दलों, मुख्य रूप से भाजपा और इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) के साझेदारों ने आगामी लोकसभा चुनावों में महिला मतदाताओं का समर्थन जुटाने के लिए पहले से ही रणनीति बनाना शुरू कर दिया है.

खूंटी निर्वाचन क्षेत्र

झारखंड की मतदाता सूची के अनुसार, राज्य में खूंटी लोकसभा सीट पर पुरुषों की तुलना में सबसे अधिक महिला मतदाता हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल 6,67,946 महिला मतदाता हैं जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 6,44,311 है.

खूंटी सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा करते हैं. उन्होंने 2019 में कांग्रेस के कालीचरण मुंडा से महज 1,445 मतों के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी. भाजपा ने फिर उन्हें इस सीट से प्रत्याशी बनाया है. ‘इंडिया’ गठबंधन ने अभी तक इस सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.

सिंहभूम निर्वाचन क्षेत्र

सिंहभूम एक और आदिवासी लोकसभा सीट है जहां पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाता की संख्या अधिक है. इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल 14,32,963 मतदाताओं में से 7,27,734 महिला मतदाता और 7,05,167 पुरुष मतदाता हैं.

सिंहभूम में चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने वाला है क्योंकि यह पारंपरिक रूप से झारखंड पार्टी और कांग्रेस का गढ़ रहा है. दोनों दल पांच-पांच बार इस सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं.

झारखंड की इकलौती कांग्रेस सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा हाल में भाजपा में शामिल हो गईं और उन्हें सिंहभूम सीट से प्रत्याशी बनाया गया है.

उन्होंने 2019 में भाजपा के लक्ष्मण गिलुआ को हराया था. वहीं ‘इंडिया’ गठबंधन ने अभी तक इस सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) इस सीट से चुनाव लड़ सकता है.

लोहरदगा और राजमहल निर्वाचन क्षेत्र

लोहरदगा लोकसभा सीट पर 7,07,402 पुरुष मतदाताओं के मुकाबले 7,19,616 महिला मतदाता हैं. भाजपा ने इस सीट से झारखंड से अपने राज्यसभा सदस्य समीर उरांव को खड़ा किया है जिनका उच्च सदन का कार्यकाल तीन मई को समाप्त हो रहा है.

राजमहल सीट पर कुल 16,82,219 मतदाताओं में से 8,41,217 महिला और 8,40,995 पुरुष मतदाता हैं. झामुमो के विजय कुमार हंसदक ने 2019 में राजमहल लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी.

उन्होंने भाजपा के हेमलाल मुर्मू को हराया था. भाजपा ने इस बार अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी को राजमहल (एसटी) सीट से प्रत्याशी बनाया है जबकि झामुमो ने अभी तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. 

मतदाता सूची तैयार करने में शामिल एक निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि उन्हें कई आदिवासी बहुत क्षेत्रों में महिला लिंग अनुपात अधिक मिला है.

चुनावी सुधार पर राष्ट्रव्यापी अभियान ‘नेशनल इलेक्शन वॉच’ के राज्य समन्वयक सुधीर पाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आदिवासी महिलाएं सामाजिक-आर्थिक या सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों में अधिक सक्रिय हैं.

इस बीच, भाजपा के साथ ही ‘इंडिया’ गठबंधन के साझेदारों ने इन आदिवासी क्षेत्रों में महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए रणनीति बनाना शुरू कर दिया है.

झारखंड भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन, मातृ वंदना योजना और जन मन योजना जैसी कई योजनाएं और परियोजनाएं महिलाओं के लिए शुरू की हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हम इन क्षेत्रों में इस संदेश के साथ महिला मतदाताओं के पास जाएंगे.’’

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनल शांति ने कहा कि वे इन क्षेत्रों में महिलाओं के बीच ‘नारी न्याय’ और आदिवासी न्याय गारंटी के साथ जाएंगे.

सोनल शांति ने कहा, “हमारे नेता राहुल गांधी ने महिलाओं के विकास के लिए नारी न्याय गारंटी और आदिवासियों के जल, जंगल और ज़मीन की रक्षा के लिए आदिवासी न्याय की घोषणा की है. इसके अलावा, झारखंड में गठबंधन सरकार ने पेंशन का लाभ उठाने के लिए पात्रता आयु भी 60 वर्ष से घटाकर 50 वर्ष कर दी है. हमारा मानना है कि महिला मतदाता इस चुनाव में इंडिया ब्लॉक के पूर्ण समर्थन में आएंगी.”

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