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मालदा में आदिवासी शिक्षक पर हमले के विरोध में प्रदर्शन

आदिवासी शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन के नेता निर्मल सोरेन ने कहा कि हम चाहते हैं कि पुलिस 72 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर ले. इस तरह के अकारण हमले बंद होने चाहिए.

पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में आदिवासी शिक्षक सुदीप टुडू को मारने-पीटने के विरोध में शुक्रवार को आठ आदिवासी संगठनों के बैनर तले सैकड़ों लोगो ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया.

दरअसल एक हफ्ते पहले एक आदिवासी शिक्षक पर चोरी का आरोप लगाने के बाद इंग्लिशबाज़ार नगरपालिका के पूर्व पार्षद द्वारा कथित हमले के विरोध में मालदा में आठ आदिवासी संगठन सड़कों पर उतर आए. प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए एनएच-12 पर मार्च किया और घटना के बाद कथित तौर पर छिपे आरोपी नेता की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की.

15 अक्टूबर को मालदा जिले के हबीबपुर ब्लॉक के मानिकोरा हाई स्कूल के शिक्षक सुदीप टुडू कृष्णापल्ली में एक रिश्तेदार से मिलकर घर लौट रहे थे. तभी अचानक तृणमूल नेता और पूर्व पार्षद परितोष चौधरी के नेतृत्व में युवाओं के एक समूह ने उन्हें रोका और उन पर साइकिल चोरी करने का आरोप लगाया और मारपीट करने लगे.

भले ही सुदीप टुडू ने कह रहे थे कि वह एक शिक्षक है फिर भी वो लोग उन्हें मारते-पीटते रहे और नहीं रुके. आखिरकार शिक्षक के परिजन उसे बचाने आए. उन्हें इलाज के लिए मालदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था और हाल ही में उन्हें डिसचार्ज कर दिया गया था.

घटना के सामने आने के बाद मालदा और पड़ोसी जिले उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर की आदिवासी आबादी में आक्रोश पैदा हो गया. शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में लोग गायेशपुर इलाके में जमा हो गए और विरोध मार्च निकाला जिससे एनएच-12 पर यातायात बाधित हो गया.

आदिवासी शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन के नेता निर्मल सोरेन ने कहा कि हम चाहते हैं कि पुलिस 72 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर ले. इस तरह के अकारण हमले बंद होने चाहिए.

लेकिन जैसे ही प्रदर्शनकारी रथबाड़ी चौराहे की ओर बढ़े वहां तैनात एक बड़े पुलिस दल ने उन्हें रोक दिया गया. फिर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आगे आए और आदिवासी संगठन के नेताओं से बात की जिन्होंने कहा कि वे जिला पुलिस प्रमुख आलोक राजोरिया से मिलने और एक ज्ञापन सौंपना चाहते हैं.

हालांकि उन्हें बताया गया कि एसपी के दफ्तर में एक छोटा सा प्रतिनिधिमंडल ही जा सकता है. हालांकि शुरू में अनिच्छुक आदिवासी नेता आखिर में सहमत हुए और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) अमित कुमार शॉ से मिले. उन्हें बताया गया कि घटना के सिलसिले में दो लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. अमित कुमार शॉ ने संवाददाताओं से कहा कि वे तृणमूल नेता का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, “आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं.”

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