HomeAdivasi Dailyविश्व फ़ोटोग्राफ़ी डे (World Photography Day): भारत की आदिवासी तस्वीर

विश्व फ़ोटोग्राफ़ी डे (World Photography Day): भारत की आदिवासी तस्वीर

आज World Photography Day के मौके पर हम आपको 'मैं भी भारत' की कुछ ख़ास फ़ोटो दिखा रहे हैं. आप इन तस्वीरों के बहाने आदिवासी भारत की एक झलक देख सकते हैं.

आज दुनिया भर में विश्व फ़ोटोग्राफ़ी डे (World Photography Day) मनाया जा रहा है. ‘मैं भी भारत’ के सफ़र में हमें देश के अलग अलग हिस्सों में कई आदिवासी समुदायों से मिलने का अवसर मिला है.

क्यों ना हम भी वर्ल्ड फ़ोटोग्राफ़ी डे को आदिवासी भारत की तस्वीरों के साथ मनाएँ. इस मौक़े पर हम इस सफ़र की कुछ चुनिंदा तस्वीरें आपके सामने पेश कर रहे हैं.

मानगढ़ धाम

यह पहली तस्वीर हमने गुजरात और राजस्थान की सीमा पर मानगढ़ पहाड़ी पर ली थी. मानगढ़ पहाड़ी का इतिहास भील आदिवासियों की बाहदुरी का क़िस्सा है. इस पहाड़ी पर हज़ारों आदिवासियों को अंग्रेजों ने गोलियों से भून दिया था. अब हर विश्व आदिवासी दिवस पर यहाँ एक मेला लगता है जिसमें हज़ारों लोग हिस्सा लेते हैं.

भील महिलाएँ

यह तस्वीर भी गुजरात में ही ली गई थी. ये भील महिलाएँ एक मेले में शामिल थीं. इनमें से कुछ महिलाएँ संपन्न परिवारों की नज़र आ रही थीं. लेकिन आप देख सकते हैं कि खेती किसानी और मज़दूरी करने वाली महिलाएँ भी चाँदी के ज़ेवर लगभग उतने ही पहने हैं.

भील महिलाओं चाँदी के तरह तरह के आभूषण पहनती हैं.

कोदू महिला

यह तस्वीर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम ज़िले की अरकू घाटी में ली गई थी. यहाँ पर आदिवासियों के एक संगठन गिरिजा संघम ने एक रैली का आयोजन किया था. इस रैली में आदिवासियों के अधिकारों पर हो रहे हमले और उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी के मसलों पर बात हो रही थी.

आदिवासी बच्चा

यह तस्वीर एक ऐसे आदिवासी बच्चे की है जिसकी माँ कॉफी के बाग़ानों में खेत मज़दूर है. यह माँ अपने बच्चे के बेहतर भविष्य की लड़ाई में शामिल होने के लिए तेज़ धूप में इस बच्चे को लेकर एक प्रदर्शन में शामिल होने आई थी.

मांकडिया आदिवासी

यह तस्वीर ओडिशा के मयूरभंज ज़िले के सिमलीपाल टाइगर रिज़र्व फ़ॉरेस्ट में ली गई थी. ये आदिवासी पीवीटीजी की श्रेणी में आते हैं. रस्सी बनाने में माहिर ये आदिवासी जंगल से सियाल लता की छाल जमा कर रहे हैं.

गोंड आदिवासी

यह तस्वीर छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले के अंतागढ़ ब्लॉक में खुरपाणी नाम के एक गाँव में ली गई थी. यहाँ पर हम गोंड आदिवासियों की सामाजिक संस्था घोटुल या गोटुल को समझने के सिलसिले में गए थे.

हो आदिवासी

यह तस्वीर धोनी सिंह के साथ बिताए समय के दौरान की है. इस तस्वीर में हम एक आदिवासी घर में हंडिया पी रहे हैं. इसे आप गाँव का लोकल बार भी कह सकते हैं. यहाँ पर राइस बियर और महुआ से बनी शराब बिकती है. इस तरह के बार की ख़ासियत ये होती है कि महिलाएँ इन्हें चलाती हैं.

कोनियाक जनजाति

यह तस्वीर कोनियाक समुदाय के योद्धा की है. हमने यह तस्वीर नागालैंड के मोन ज़िले में ली थी. यह उनके त्यौहार आओलैंग का मौक़ा था.

राभा जनजाति

यह तस्वीर हमने असम के तामुलपुर में ली थी. हम लोग राभा आदिवासियों की एक शादी में शामिल हुए थे. हमें राभा आदिवासियों में अपनी भाषा, संस्कृति और अधिकारों को ले कर जागरूकता नज़र आई थी.

1 COMMENT

  1. सर आप को मेरा हृदय दिल से प्रणाम,
    आज आज आपका कुछ आदिवासियों के साथ तस्वीर देख कर मुझे बहुत ही अच्छा लगा मैं आपका पोस्ट अक्सर समय मिलने पर पढ़ता ही रहता हूं मुझे बहुत अच्छा लगता है सर आपका पोस्ट पढ़ने में

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