छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में ईसाई समुदाय के लोग कथित अत्याचार के खिलाफ कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं. आदिवासी बहुल इस जिले के कम से कम 14 गांवों के प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि ईसाई धर्म का पालन करने के कारण उन पर कथित रूप से हमला किया गया और उन्हें -+उनके घरों से निकाल दिया गया है.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस मामले में प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है लेकिन रविवार शाम से धरने पर बैठने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस बीच, जिला प्रशासन ने कहा है कि उन्होंने ईसाई परिवारों को इस मामले में जरूरी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
नारायणपुर में ईसाई समाज के अध्यक्ष सुखमन पोटाई ने सोमवार को बताया, ‘‘पिछले दो महीनों में लगभग 60 ईसाई परिवारों पर बदमाशों ने हमला किया है. 12 से 14 गांवों में लगभग 200 ईसाई परिवारों को उनके घरों से निकाल दिया गया है. वहीं प्रार्थना स्थलों में भी तोड़फोड़ की गई है.’’
प्रदर्शनकारी महिलाएं भी अपने बच्चों के साथ प्रदर्शन स्थल पर मौजूद हैं. प्रदर्शनकारियों को धरना स्थल के करीब खाना बनाते देखा जा सकता है. जो नारायणपुर और कोंडागांव जिले की सीमा पर स्थित बावड़ी, मालेचूर, बोरपाल, गोहड़ा, चंदागांव, चिंगनार समेत अन्य गांवों के रहने वाले हैं.
पोटाई ने कहा, ‘‘हम रविवार शाम से कड़ाके की ठंड में कलेक्ट्रेट के सामने खुले में बैठे हैं लेकिन किसी ने हमारी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया है. जब तक अत्याचार की घटनाओं के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती, तब तक हम प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे.’’
इस बीच, जिला प्रशासन ने कहा है कि उन्होंने ईसाई परिवारों को इस मामले में जरूरी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
नारायणपुर के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) जितेंद्र कुर्रे ने बताया कि ‘‘प्रदर्शनकारियों ने एक ज्ञापन सौंपा है, इस संबंध में आगे की कार्रवाई की जाएगी. हम उन्हें अपना विरोध प्रदर्शन बंद करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं. कलेक्टर ने उन्हें उनकी शिकायतों को दूर करने का आश्वासन दिया है.’’
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘हमें ईसाई समुदाय के लोगों से शिकायतें मिली हैं. इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.’’
(प्रतिकात्मक तस्वीर)
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जोहार सर