HomeAdivasi Dailyमध्य प्रदेश में पुलिस की पिटाई से आदिवासी की मौत

मध्य प्रदेश में पुलिस की पिटाई से आदिवासी की मौत

मध्य प्रेदश के रायसेन जिलें में आदिवासी युवक को पुलिस द्वारा मारने का संदेह है. हालाकिं पुलिस आधिकारियों ने इस पर असहमति जताई है.


मध्य प्रदेश के रायसेन जिलें के चैनपुर गांव में एक आदिवासी व्यक्ति को जिंदा मारने का संदेह पुलिस पे किया जा रहा है. मरने वाला व्यक्ति का नाम श्रीराम बताया जा रहा है जिसकी उम्र 28 वर्ष है. वहीं दूसरी तरफ आदिवासियों पर लगातार बढ़ते अत्याचारों पर कांग्रेस के अध्यक्षक कमलनाथ ने चिंता जताई है.

सिलवानी के चैनपुर गांव में रहने वाला 28 वर्षीय श्रीराम का मंगलवार को मौत हो गई. आरोप है की शिव मंदिर में चल रही पूजा के दौरान अभद्रता फैलाने के कारण सरपंच पप्पू ठाकुर प्रतिनिधि ने श्रीराम के खिलाफ पुलिस को शिकायत की थी और इसी वजह से पुलिस श्रीराम को पकड़कर ले गई थी.

दूसरी तरफ श्रीराम के बड़े भाई और गांव के अन्य लोगों का कहना है की पुलिस ने श्रीराम को बुरी तरह से पीटा और उसे घर के बाहर छोड़ गए. सुबह जब परिजनों ने श्रीराम को देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी.

पुलिस अधिकारियों ने दिया अपना बायान

पुलिस अधिक्षक विकास शहवाल ने मीडिया वालों को बताया की सरपंच पप्पू ठाकुर की शिकायत पर पुलिस ने श्रीराम को पुलिस थाने लेकर आई थी और सरपंच प्रतिनिधि ने श्रीराम को थाना से घर वापस छोड़ दिया था और उसकी मौत घर पर हुई थी. इसलिए पुलिस का कहना है श्रीराम के मौत से पुलिस का कोई लेना देना नहीं है.
आदिवासी युवक की मौत पर कमलनाथ ने सवाल उठाया है और ‘एक्स’ अकाउंट पर लिखा की सिलवानी में आदिवासी युवक श्रीराम की मृत्यु का दुखद समाचार सामने आया है. वहीं दूसरी तरफ परिजनों का आरोप है कि पुलिस वालों ने श्रीराम को जूतों से लगातार पिटाई की और उसकी मौत हो गई.

कमलनाथ ने मुख्यमंत्री से सवाल उठाते हुए बोलें इस मामले को इंसाफ मिलेगा या फिर आदिवासियों पर लगातार हो रही अत्याचारों को हमेंशा की तरह रफा दफा कर दिया जाएगा. विधान सभा के सदस्य कमलनाथ ने कहा है शिवराज सरकार में कभी भाजपा नेता, कभी पुलिस, कभी प्रशासन, कभी दबंग आदिवासियों पर लगातार अत्याचार पर अत्याचार कर रहे हैं. कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज से निवेदन करते हुए कहा की इस मामले को बिना किसी पक्षपात के जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त से सख्त कारवाई की जाए.

1 COMMENT

  1. मामला संगीन है । सरकार निष्पक्ष जांच कर अपराधियों को कड़ी कार्यवाही कर दण्डित करे। चूंकि आदिवासी युवक की मौत पुलिस हिरासत में हुई संदेहास्पद है । प्रथम दृष्टया पुलिस और सरपंच ठाकुर ही दोषी हैं यह स्पष्ट साफ है।

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