छत्तीसगढ़ (Tribes of Chhattisgarh) के सरगुजा (Sarguja) में मौजूद आदिवासी छात्रवास से एक बार फिर आत्महत्या (Crime news) का मामला सामने आया है.
इसके अलावा अब तक तीन आदिवासी छात्रों के आत्महत्या (Tribal Student Suicide) का मामला दर्ज हो चुका है. 7 फरवरी को कक्षा 6 की छात्रा और 22 फरवरी को 8 वी की छात्रा ने अपने घर में फांसी लगा ली.
मृतक का नाम मुकेश है और वह आठवी कक्षा में पढ़ता था. मुकेश कई दिनों से पथरी के दर्द से जूझ रहा था. लेकिन आदिवासी छात्रवास द्वारा उसे अस्पताल में भर्ती नहीं किया.
वहीं मृतक के परिवार वाले भी उसका इलाज़ जड़ी-बूटी के माध्यम से कर रहे थे.
मुकेश के सहपाठियों ने बताया की मृतक 10 दिन पहले ही अपने घर से जड़ी-बूटी का इलाज़ करवाकर छात्रावास लौटा था.
उन्होंने यह भी बताया की जब भी मृतक को दर्द होता, तो उसे दर्द की गोली दे दी जाती थी.
बुधवार की शाम स्कूल से छुट्टी होने के बाद जब सभी बच्चे छात्रवास पहुंचे, तो उन्होंने देखा की मुकेश के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है. कई बार पुकारने के बाद भी मुकेश ने दरवाजा नहीं खोला.
तभी सहपाठियों ने रोशनदानी से देखा की मुकेश ने खुद को फांसी लगा ली है. जिसके बाद छात्रों के अधीक्षक भूपेश कश्यप को इसकी जानकारी दी गई. मुकेश को तुरंत ही नीचे उतारा गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
मौत के बाद परिवार वालों को इसकी सूचना दी गई. परिवार वालों ने छात्रवास पर हत्या का आरोप लगाया है.
इसे हत्या कहना शायद सही होगा, लेकिन इस हत्या के लिए छात्रावास के साथ साथ शायद परिवार भी ज़िम्मेदार है.
क्योंकि छात्रवास और परिवार वालों की लापरवाही के कारण ही इस छात्र की मृत्यु हो गई है.
पिछले 22 दिनों में कम से कम तीन आदिवासी छात्र-छात्राओं आत्महत्या की ख़बर मिली है. तो इन सभी मौतों को इत्तेफाक कहना शायद गलत होगा.
[…] Once again a case of suicide (Crime News) has come to light from the current youth hostel in Surguja (Surguja), Chhattisgarh (Tribes of Chhattisgarh). […]