लोकसभा चुनाव(Lok Shaba election 2024) के इस माहौल में झारखंड (tribes of jharkhand) में दलबदल का सिलसिला चल रहा है. मंगलवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की विधायक सीता सोरेन (Sita Soren) ने अपनी पार्टी को छोड़कर बीजेपी की सदस्यता हासिल कर ली है.
सीता सोरेन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Former Chief Minister Hemant Soren) की भाभी है और झामुमों के प्रमुख शिबू सोरेन की बड़ी बहू है.
सीता सोरेन दुमका की जमा विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुकी है.
सीता सोरेन ने कहा, “ मैने 14 साल जेएमएम के लिए काम किया. लेकिन कभी भी मुझे वो इज्ज़त नहीं मिली, जिसकी मैं हकदार हूं. इसी वज़ह से मुझे बीजेपी में शामिल होना पड़ा.
उन्होंने आगे कहा की पीएम मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह पर भरोसा करते हुए ही मैं आज बीजेपी में शामिल हुई हूं.
वहीं उनके इस दलबदल पर जेएमएम के नेता मनोज पांडे ने कहा, “ जेएमएम में जिस तरह से उन्हें सम्मान मिला है. वैसा उन्हें कहीं ओर नहीं मिलेगा. अगर वह उन लोगों के प्रभाव में आती है. तो वो बहुत बड़ी गलती कर रही है.
कौन है सीता सोरेन
2009 में सीता सोरेन के पति और हमेंत सोरेन के बड़े भाई की मृत्यु हो गई. उनकी मृत्यु महज़ 39 की उम्र में ही हो गई थी. जिसके बाद हमेंत सोरेन का कद बढ़ा, लेकिन उन्हें कभी भी कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया.
सीता सोरेन 12 वी कक्षा तक पढ़ी है. साल 2021 में सीता सोरेन की बेटियों (राजश्री और जयश्री) ने अपनी एक पार्टी बनाई थी. जिसका नाम उन्होंने दुर्गा सोरेन सेना रखा था.
बीजेपी ने अपनी राजनीति की रणनीति से सीता सोरेन को भी अपने साथ शामिल कर लिया है. ऐसा इसलिए भी किया गया है ताकि झारखंड की जेएमएम कमज़ोर हो सके.
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