HomeAdivasi Dailyकेरल की पहली आदिवासी महिला बनी IAS ऑफिसर

केरल की पहली आदिवासी महिला बनी IAS ऑफिसर

श्रीधन्या केरल की पहली ऐसी आदिवासी महिला बनी है, जिन्होंने आईएएस ऑफिसर की उपाधि हासिल की है. वे पहले एक सराकारी छात्रवास में वार्डन के रूप में काम करती थी. वार्डन से आईएएस बने का सफर आसान नहीं रहा. आइए श्रीधन्या की सफलता की पूरी कहानी जानते है.

देश में हर साल लाखों उम्मीदवार संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा देते हैं. लेकिन इनमें से कुछ ही अपने इस सफर में सफल हो पाते हैं.

दो बार असफलता झेलने के बाद अपनी कठोर और चुनौतियों भरे सफर में आखिरकार श्रीधन्या सफल हो गईं.
श्रीधन्या सुरेश केरल की पहली आदिवासी महिला है, जो आईएएस ऑफिसर बनी हैं.

श्रीधन्या (IAS Sreedhanya Suresh) कुरिचिया समुदाय से आती हैं. सुविधाओं की कमी और पैसों की तंगी जैसी परेशानियों के बावजूद भी वे अपने इस सफर में आगे बढ़ती रही.

वार्डन से आईएएस ऑफिसर बने का सफर

श्रीधन्या वायनाड ज़िले के पोजुथाना गाँव की रहने वाली हैं. इनके परिवार में माता-पिता के अलावा तीन भाई-बहन हैं.
श्रीधन्या के माता-पिता ने अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए दिन-रात मेहनत मज़दूरी का काम किया.

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श्रीधन्या के पिता दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं और बाजार में तीर-धनुष भी बचते हैं. वहीं इनकी मां मनरेगा योजना के तहत मजदूरी का काम करती हैं.

पैसों की कमी के चलते श्रीधन्या ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई सरकारी स्कूल से ही पूरी की. इसके बाद उन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज कालीकट विश्वविद्यालय से जूल़ॉजी में अपनी ग्रेजुएशन की और फिर इसी विश्वविद्यालय से उन्होंने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन भी पूरी की है.

अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने सरकारी पदों के लिए परीक्षा देना शुरू कर दिया. जिसके बाद वे अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के छात्रवास में वार्डन के रूप में काम करने लगी.

वार्डन के रूप श्रीधन्या को संतोषजनक रकम मिल जाती थी. लेकिन वे अपने इस काम से खुश नहीं थी. जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देना शुरू कर दिया.

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दो बार असफल होने के बाद, आखिरकार उन्हें सफलता हासिल हुई. 2018 में वे यूपीएसी के दोनों चरणों में अच्छे अंकों के साथ पास हो गई.

लेकिन मेन्स पास करने के बाद भी चुनौतियां बरकरार रहीं. दिल्ली में इंटरव्यू देने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. पैसों की इस तंगी में श्रीधन्या की दोस्त उनके साथ खड़ी रही. उनकी दोस्त ने उन्हें दिल्ली में इंटरव्यू के लिए 40,000 रूपये दिए.

इंटरव्यू में सफलता हासिल कर श्रीधन्या सुरेश ने अपनी अटूट निष्ठा और अपने परिवार के समर्थन के कारण अपने तीसरे प्रयास में AIR 410 के साथ UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की. इसके साथ ही वह केरल की पहली आदिवासी महिला आईएएस अधिकारी भी बन गईं.

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