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मणिपुर: ITLF ने कुकी-ज़ो आदिवासियों से लोकसभा चुनाव लड़ने से दूर रहने का किया आग्रह

मणिपुर में दो लोकसभा सीटें हैं - इनर मणिपुर और आउटर मणिपुर. आउटर मणिपुर सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है.

जातीय संघर्षग्रस्त मणिपुर (Manipur) में इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने सोमवार को कुकी-ज़ो आदिवासियों (Kuki-Zo tribals) से राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) लड़ने से परहेज करने का आग्रह किया.

3 मई, 2023 को मैतेई समुदाय के साथ संघर्ष शुरू होने के बाद से इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम पूरे जातीय संघर्ष के दौरान कुकी-ज़ो समूह से संबंधित जातीय समुदायों की आवाज़ रहा है.

ITLF ने एक बयान में कहा, “आईटीएलएफ प्रेसिडेंशियल काउंसिल ने अपने घटक सदस्य जनजातियों के परामर्श से इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि हम जिस दुर्दशा का सामना कर रहे हैं, उसे देखते हुए कुकी-ज़ो समुदाय के किसी भी सदस्य को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल नहीं करना चाहिए.”

बयान में आगे कहा गया, “भारतीय नागरिक के रूप में हम अपने समुदाय के सदस्यों को सलाह देते हैं कि वे मतदान करके अपने मताधिकार का प्रयोग करें लेकिन आउटर मणिपुर सीट के लिए चुनाव लड़ने से बचें.”

करीब नौ महीनों तक चली जातीय हिंसा में 219 लोग मारे गए और 60 हज़ार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. भारत निर्वाचन आयोग ने कहा कि कहा कि राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित लोग कुछ विशेष मतदान केंद्रों पर मतदान कर सकते हैं जो राहत शिविरों में स्थापित किए जाएंगे.

मणिपुर में दो लोकसभा सीटें हैं – इनर मणिपुर और आउटर मणिपुर. आउटर मणिपुर सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है.

मणिपुर में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान दो चरणों – 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को होना है.

इनर मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र में मैतेई बहुल इम्फाल घाटी में 32 विधानसभा सीटें हैं, जबकि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित आउटर मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र में 28 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.

28 विधानसभा सीटों में से 20 पहाड़ियों में फैली हुई हैं, जो नागा और कुकी-ज़ो लोगों के बीच लगभग समान रूप से विभाजित हैं. बाकी आठ इंफाल घाटी के तलहटी इलाकों में स्थित हैं.

आउटर मणिपुर सीट वर्तमान में नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के लोरहो एस फ़ोज़ (Lorho S Pfoze) के पास है. एनपीएफ ने इस सीट के लिए नागा टिमोथी जिमिक (Timothy Zimik) को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक अल्फ्रेड के आर्थर (Alfred K Arthur) को उम्मीदवार बनाया है, जो नागा हैं.

भाजपा इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ रही है और उसने एनपीएफ उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला किया है. भाजपा मणिपुर में एनपीएफ की सहयोगी है.

हालांकि, भाजपा की इस घोषणा के एक दिन बाद, राज्य के सेनापति जिले में भाजपा कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़फोड़ की गई. उन्होंने कहा कि आउटर मणिपुर में उम्मीदवार नहीं उतारने के पार्टी के फैसले ने उसके एक जमीनी स्तर के कार्यकर्ता को संसद में निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के अवसर से वंचित कर दिया है.

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