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त्रिपुरा में 600 से अधिक आदिवासी मतदाताओं ने खराब सड़क को लेकर मतदान का किया बहिष्कार

एसडीएम ने कहा कि ग्रामीणों ने पीने के पानी की समस्या के बारे में भी शिकायत की है. रिपोर्ट मिलने के बाद अधिकारियों की एक टीम वोटर्स को अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने के लिए मनाने के लिए सदाई मोहन पारा पहुंची.

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत शुक्रवार को 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर वोटिंग हुई. इसमें त्रिपुरा की एक सीट त्रिपुरा ईस्ट पर भी वोटिंग हुई. लेकिन खराब सड़क को लेकर 600 से अधिक आदिवासी मतदाताओं ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया.

एक चुनाव अधिकारी ने बताया कि त्रिपुरा ईस्ट लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले धलाई जिले के एक आदिवासी बहुल गांव के 600 से अधिक मतदाताओं ने गांव की सात किलोमीटर लंबी सड़क की मरम्मत न होने के कारण शुक्रवार को मतदान नहीं किया.

अधिकारी ने कहा कि करीब 900 ग्रामीण अपने समुदाय के लिए इस सड़क के महत्व पर जोर देते हुए महीनों से लगातार इसकी मरम्मत की मांग कर रहे हैं.

गंडाचेरा (राइमा घाटी) के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) अरिंदम दास ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को फोन पर बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मतदान दल त्रिपुरा पूर्व लोकसभा सीट के राइमा घाटी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सदाई मोहन पारा मतदान केंद्र पर पहुंचा. ग्रामीण मतदान केंद्र के बाहर खड़े रहे लेकिन वोट डालने के लिए उसमें प्रवेश नहीं किया क्योंकि वे सरकारी उदासीनता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि ग्रामीण लोकतंत्र के उत्सव में शामिल होंगे और प्रशासन उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगा.

एसडीएम ने कहा कि ग्रामीणों ने पीने के पानी की समस्या के बारे में भी शिकायत की है. रिपोर्ट मिलने के बाद अधिकारियों की एक टीम वोटर्स को अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने के लिए मनाने के लिए सदाई मोहन पारा पहुंची.

उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि 2 मतदान केंद्रों के मतदाता एक धलाई जिले के मालदापारा (सदाई मोहा पारा) में और दूसरा गुमटी जिले के अम्पी में वोट नहीं डालने जा रहे हैं क्योंकि सड़क और पानी की आपूर्ति की उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया है.

हालांकि राज्य के संसदीय कार्य मंत्री रतन लाल नाथ ने बताया कि मैं वहां ग्रामीणों को चुनाव में वोट डालने के लिए मनाने के लिए गया था.

उन्होंने कहा कि इन दो घटनाओं को छोड़कर अब तक सभी बूथों पर मतदान शांतिपूर्ण रहा. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि सीपीआई (एम) बूथों पर पोलिंग एजेंटों को भेजने में विफल रही है, ऐसा लगता है कि वह युद्ध के मैदान से भाग रही है.

वहीं भारतीय निर्वाचन आयोग के मुताबिक लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में त्रिपुरा में सबसे ज्यादा 79.66 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में सबसे कम 54.85 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया.

(Photo credit: @ECISVEEP)

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