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पीएम आदिवासियों के ‘जल, जंगल, जमीन’ को 14-15 उद्योगपतियों को सौंपना चाहते हैं: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और आरोप लगाया कि वह आदिवासियों के ‘जल, जंगल, जमीन’ को उद्योगपतियों को सौंपना चाहते हैं.

झारखंड के चाईबासा में एक रैली के दौरान राहुल ने कहा कि यह चुनाव आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के अधिकारों को बचाने के लिए है.

उन्होंने हाथ में लीं संविधान की प्रति दिखाते हुए कहा कि संविधान आदिवासियों, पिछड़ों और दलितों की आवाज है. भाजपा इस आवाज को चुप कराना चाहती है. आज आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को जो कुछ भी दिया, इस संविधान ने दिया है. भाजपा इसे खत्म चाहती है.

राहुल ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के नेता संविधान को बचाने के लिए अपने जीवन का बलिदान देने के लिए तैयार हैं.

साथ ही उन्होंने सत्ता में इंडिया ब्लॉक के आने पर करोड़ों लोगों को ‘लखपति’ बनाने का वादा किया. उन्होंने कहा कि करोड़ों परिवार है जो गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं. इसमें आदिवासी, दलित, पिछड़े ज्यादा है। हर गरीब परिवार में से एक महिला का नाम चुनेंगे। उस महिला के बैंक अकाउंट में एक लाख रुपए साल के डाल देंगे.

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “पीएम आदिवासियों के ‘जल, जंगल, जमीन’ को 14-15 उद्योगपतियों को सौंपना चाहते हैं. नरेंद्र मोदी अडानी, अंबानी के लिए काम करते हैं. उन्होंने अपने 10 साल के कार्यकाल में 22 लोगों को अरबपति बनाया. अगर हम सत्ता में आए तो गरीब महिलाओं को सालाना 1 लाख रुपये देंगे.”

उन्होंने आगे कहा, “भाजपा आदिवासियों को घरेलू नौकरों जैसी भूमिकाओं तक सीमित रखना चाहती है. वे कभी नहीं चाहते कि आप डॉक्टर, इंजीनियर और वकील बनें. वे जंगलों को उद्योगपतियों को सौंपना चाहते हैं. देश को 90 आईएएस अधिकारियों द्वारा चलाया जा रहा है और उनमें से केवल एक आदिवासी है जिसे दिल्ली में किनारे कर दिया गया है. जबकि देश में आदिवासी आबादी लगभग 8 प्रतिशत है.”

उन्होंने घोषणा की कि इंडिया ब्लॉक गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की पहचान करने के लिए आदिवासी, दलित और ओबीसी समुदायों सहित गरीब लोगों की एक सूची तैयार करेगा.

साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण की 50 प्रतिशत लिमिट को खत्म कर, आरक्षण को बढ़ा देगी. हम सबको साथ लेकर आगे बढ़ेंगे.

राहुल ने आगे कहा, “कांग्रेस पेसा कानून, जमीन अधिग्रहण बिल, ट्राइबल बिल लेकर आई लेकिन BJP ने इन सभी को कमजोर किया. कांग्रेस पार्टी आपके ‘जल-जंगल-जमीन’ की रक्षा करेगी, आपको आपके अधिकार लौटाएगी.”

अपने संबोधन के दौरान गांधी ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर आदिवासी सीएम (हेमंत सोरेन) को सलाखों के पीछे डालने का भी आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, “हेमंत सोरेन छूटेगा” जिसके जवाब में भीड़ ने “जेल का ताला टूटेगा, हेमंत सोरेन छूटेगा” जैसे नारे लगाए.

इसके अलावा राहुल ने कथित पक्षपातपूर्ण भूमिका के लिए प्रेस पर भी हमला किया और दावा किया कि अधिकांश मीडिया घराने उद्योगपतियों द्वारा चलाए जाते हैं.

वहीं राहुल के बाद रैली को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना ने उपस्थित लोगों से पूछा कि क्या चुनाव से पहले उनके पति को जेल में डालना सही है.

उन्होंने कहा, “इंडिया ब्लॉक 13 मई को ‘वोट की चोट’ से इसका करारा जवाब देगा.”

जबकि झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में महंगाई कम नहीं हुई. उन्होंने बताया कि कैसे गैस सिलेंडर के दाम बढ़ते गए. कैसे झारखंड की प्रथा, यहां की परंपरा को भी दबाने का काम किया है.

उन्होंने कहा कि आज तक केंद्र सरकार ने आदिवासी हित में कोई का नहीं किया. हम विधानसभा में आदिवासी की परंपरा, अस्मिता को सुरक्षित करने के लिए सरना धर्म कोड का नियम बनाया. प्रधानमंत्री जब यहां आये तो सरना धर्म कोड पर कुछ नहीं मिला. झारखंड सरकार ने पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का कानून बनाया लेकिन केंद्र के इशारे पर राजभवन में ही रोक दिया गया.

गांधी सहित नेताओं ने लोगों से झामुमो के इंडिया ब्लॉक उम्मीदवार जोबा मांझी को वोट देने की अपील की, जो भाजपा की गीता कोड़ा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

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