HomeAdivasi Dailyगुजरात के छोटाउदेपुर में आदिवासी समुदायों में हाइपरटेंशन के मामलों में वृद्धि

गुजरात के छोटाउदेपुर में आदिवासी समुदायों में हाइपरटेंशन के मामलों में वृद्धि

हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए आपको खानपान की कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए. जिसमें नमक, चीनी, रेड मीट, फैट, प्रोसेस्ड और डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ, अचार, कैफीन, शराब और धूम्रपान आदि शामिल है.

गुजरात के छोटाउदेपुर (Chhotaudepur) जिले में आदिवासी समुदायों (Tribal communities) के बीच केवल डेढ़ महीने में हाइपरटेंशन यानि उच्च रक्तचाप (Hypertension) के 800 से अधिक मामले सामने आए हैं. मामलों में यह उल्लेखनीय वृद्धि क्षेत्र में उच्च रक्तचाप से उत्पन्न बढ़ती सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती को उजागर करती है.

गैर-संचारी रोगों (Non-communicable diseases) से निपटने के लिए प्रतिबद्ध जिला स्वास्थ्य विभाग ने अप्रैल से 15 मई तक विभिन्न उप-केंद्रों में हर शुक्रवार को साप्ताहिक हेल्थ कैंप आयोजित किए. इस अवधि के दौरान 30 हज़ार 385 व्यक्तियों की जांच की गई, जिससे पता चला कि उनमें से 875 उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे.

मामलों में यह वृद्धि छोटाउदेपुर में मुख्य रूप से आदिवासी आबादी के लिए एक चेतावनी है, जिसमें राठवा, भील और नायकदा जनजाति जैसे समुदाय शामिल हैं.

स्वास्थ्य विशेषज्ञ छोटाउदेपुर में हाइपरटेंशन के मामलों में वृद्धि का कारण आधुनिक जीवनशैली में बदलाव को मानते हैं.

जिले के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने जोर देकर कहा, “उच्च रक्तचाप को उचित इलाज, नियमित दवा, आहार समायोजन और जीवनशैली में बदलाव के साथ रोका जा सकता है.”

उन्होंने बढ़ते तनाव और गतिहीन आदतों के कारण, विशेष रूप से 30 वर्ष की आयु से नियमित रक्तचाप जांच के महत्व पर जोर दिया.

स्वास्थ्य अधिकारी ने आगे कहा, “एक समय उच्च रक्तचाप बड़े वयस्कों के लिए चिंता का विषय था. लेकिन अब हाइपटेंशन के मामले युवाओं में भी प्रचलित है. 20 से 30 वर्ष की आयु के लोगों में इसके महत्वपूर्ण मामले सामने आए हैं. यह बदलाव मुख्य रूप से बढ़ते तनाव और शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण है.”

इस प्रवृत्ति से निपटने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी उच्च रक्तचाप के खिलाफ प्रभावी उपायों के रूप में नियमित व्यायाम और हेल्दी लाइफस्टाइल जीने की बात करते हैं.

हाइपरटेंशन क्या है

हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप तब होता है जब आपकी धमनियों की दीवारों पर रक्त का दबाव लगातार बहुत अधिक होता है. यह समय के साथ आपकी धमनियों को नुकसान पहुंचाता है और दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकता है.

डॉक्टर उच्च रक्तचाप को “साइलेंट किलर” कहते हैं क्योंकि आमतौर पर आपके पास कोई लक्षण नहीं होते हैं तो हो सकता है कि आपको पता न हो कि कुछ भी गलत है लेकिन नुकसान अभी भी आपके शरीर के भीतर हो रही है.

हाइपरटेंश के लक्षण

बहुत से लोगों को हाई ब्लड प्रेशर में किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं होता है. आमतौर इस स्थिति के लक्षण नहीं दिखते हैं. और जब तक इस स्थिति के लक्षण उत्पन्न होते हैं, तब तक बहुत देर हो जाती है. हालांकि, कुछ मामलों में रोगियों को हाई ब्लड प्रेशर के इन लक्षणों का अनुभव होता है, जैसे – सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, चक्कर आना, थकान और सांस लेने में तकलीफ.

हाइपरटेंशन के कारण

प्राथमिक उच्च रक्तचाप का कोई एक स्पष्ट कारण नहीं है. आमतौर पर इसका कारण बनने के लिए कई कारक एक साथ आते हैं. जैसे – अनहेल्दी खाने का पैटर्न (उच्च सोडियम युक्त आहार सहित), शारीरिक गतिविधि का अभाव, अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों का अधिक सेवन, तंबाकू का उपयोग मोटापा, बढ़ती उम्र, तनाव आदि.

इसके अलावा हाइपरटेंशन कारणों में क्रोनिक किडनी रोग, मेटाबोलिक सिंड्रोम , ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया या थायरॉयड रोग शामिल है.

हाइपरटेंशन को रोकने के उपाय

हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप आपके स्वास्थ्य को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है. यह आपके हृदय, मस्तिष्क, किडनी और आंखों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है.

ऐसे में लोग इसे नियंत्रित करने के लिए बहुत सारे उपाय करते हैं. जैसे जीवनशैली में बदलाव, चाय-कॉफी से दूरी, एक हफ्ते में कम से कम 150 मिनट एक्सरसाइज करें, धूम्रपान छोडें, नमक का सेवन कम करें, स्वस्थ वजन बनाए रखें, तनाव से दूरी बनाएं और रोजाना 7 से 9 घंटे की नींद लें.

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