HomeAdivasi Dailyबांसवाड़ा में मोदी का भाषण बनाम आदिवासियत की परीक्षा

बांसवाड़ा में मोदी का भाषण बनाम आदिवासियत की परीक्षा

राजस्थान में दूसरे चरण में 13 सीटों पर वोटिंग होगी, इनमें बांसवाड़ा सीट भी शामिल है. बांसवाड़ा में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुसलमानों के तुष्टिकरण की बात उठाई थी.

लोकसभा 2024(Lok Sabha Election 2024) का आज दूसरा चरण (Phase 2) है. दूसरे चरण में लोकसभा की कुल 89 सीटों पर वोटिंग होगी.

इन 89 सीटों में से 6 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इन आरक्षित सीटों में राजस्थान की बांसवाड़ा सीट ( Election in Rajasthan banswara) भी एक है.

इस सीट पर आज यह तय होगा कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण ने यहां पर हवा बदली है या फिर भारत आदिवासी पार्टी आदिवासियत और धर्मनिरपेक्षता के दम पर यह सीट जीत सकती है.

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांसवाड़ा में ही कांग्रेस पार्टी पर यह आरोप लगाया था कि वह अनुसूचित जाति और जनजाति का आरक्षण छीन कर मुसलमानों को देना चाहती है.

बांसवाड़ा सीट की ख़ास बात ये है कि यहां पर कुल मतदाताओं का करीब 75 प्रतिशत आदिवासी हैं और 15 प्रतिशत मुसलमान हैं.

भारत आदिवासी पार्टी अपने गठन के समय से ही यह कहती है कि वह धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करती है.

राजस्थान में पहले चरण का मतदान दर पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में काफी कम रहा था.

लोकसभा चुनाव 2019 में राज्य में पहले चरण का दर 63.71 प्रतिशत था. लेकिन लोकसभा चुनाव  2024 के पहले चरण में यह दर 57.87 प्रतिशत ही रह गया है.

दक्षिणी राजस्थान बांसवाड़ा सीट राजनीति के नज़रिए से काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि यहां आधे से भी ज्यादा आदिवासी आबादी रहती हैं.

यहां का माहौल मध्य प्रदेश की रतलाम-झाबुआ से ले कर गुजरात के आदिवासी बहुल इलाकों वाली सीटों तक में प्रभाव डालता है.

2011 की जनगणना के अनुसार बांसवाड़ा में कुल जनसंख्या 4,50,000 हैं. इनमें से 3,00,000 अनुसूचित जनजाति हैं.

राजस्थान में लोकसभा की कुल 25 सीटें है. इनमें से 3 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इन्हीं आरक्षित सीटों में से बांसवाड़ा भी एक है.

बांसवाड़ा के लोकसभा चुनाव में फ़िलहाल मुकाबला बीजेपी और बाप यानि भारत आदिवासी पार्टी के बीच में नज़र आ रहा है.

बीजेपी ने बांसवाड़ा सीट से महेंद्रजीत सिंह मालवीय को खड़ा किया है. महेंद्रजीत सिंह मालवीय चुनाव से तुरंत पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए हैं.

महेंद्रजीत सिंह मालवीया का मुकाबला बाप पार्टी के प्रमुख नेता राजकुमार रोत के साथ हो रहा है.

कांग्रेस ने भी इस सीट से अरविंद डामोर को खड़ा किया है. हांलाकि अंतिम समय में कांग्रेस ने राजकुमार रोत यानि बाप उम्मीदवार को समर्थन देने का मन बनाया था.

वहीं बाप पार्टी ने कांग्रेस के इस समर्थन के बदले जालोर लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार हटाने का फैसला किया था.

महेंद्रजीत मालवीया राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी थे.

वहीं बाप पार्टी के उम्मीदवार राजकुमार रोत फ़िलहाल दूसरी बार चौरासी विधानसभा सीट से विधायक हैं.

राजकुमार रोत बाप के उन तीन नेताओं में से एक है, जो पिछले विधानसभा चुनाव में विजयी रहे. राजकुमार रोत ने चोरासी विधानसभा सीट पर 69,166 वोटों से राजस्थान की सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी.

बाप पार्टी का दक्षिण राजस्थान और आदिवासी इलाकों काफी दबदबा है. यही कारण था कि कांग्रेस बांसवाड़ा सीट से बाप पार्टी क समर्थन देना चाहती थी.

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