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द्रोपदी मुर्मू को शिरोमणि अकाली दल का भी मिला समर्थन

राष्ट्रपति पद के लिए मुर्मू के नाम ऐलान के बाद से ही अलग-अलग गैर राजग दल उन्हें समर्थन देने लगे हैं. शिरोमणि अकाली दल से पहले आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी की YSR कांग्रेस, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी BJD ने भी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने की घोषणा कर दी है.

एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू के समर्थक दलों की संख्या बढ़ती जा रही है. शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल ने भी इस बात का ऐलान कर दिया और मुर्मू को समर्थन दिया है.

द्रोपदी मुर्मू को समर्थन देने की बात पर शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हमने एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि हम कभी भी कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे. कांग्रेस ने सिख समुदाय को धोखा दिया है.

सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीट किया, “शिरोमणि अकाली दल ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के लिए सुश्री द्रोपदी मुर्मू की अपील को स्वीकार कर लिया है क्योंकि वह अल्पसंख्यकों, आदिवासियों, शोषित और पिछड़े वर्गों के साथ-साथ महिलाओं की गरिमा का प्रतीक हैं. वह गरीबों के प्रतीक के रूप में उभरी हैं.”

एक जुलाई को हुई पार्टी की कोर कमेटी की मीटिंग में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया है. सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अल्पसंख्यकों के मन में असुरक्षा की भावना को दूर करने और सिखों के लिए न्याय जैसे मुद्दों पर बीजेपी के साथ हमारा विरोध है.

लेकिन गरीबों के कारणों का समर्थन के कारण हम सुश्री मुर्मू का समर्थन करते हैं. क्योंकि वह सिर्फ गरीब ही नहीं बल्कि दलित वर्ग से भी हैं. शुक्रवार को सुखबीर सिंह बादल ने द्रोपदी मुर्मू से मुलाकात भी की, इसी दौरान उन्हें समर्थन करने के फैसले के बारे में भी बता दिया था.

बादल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ”हमने सर्वसम्मति से राष्ट्रपति पद के लिए द्रोपदी मुर्मू का समर्थन करने का फैसला किया है. कृषि कानूनों और सिख कैदियों की रिहाई के मुद्दों का हवाला देते हुए बादल ने कहा कि उनकी पार्टी के ‘भाजपा के साथ कई मतभेद’ हैं लेकिन शिअद ने हमेशा समाज के गरीब और कमजोर वर्ग के लिए काम किया है.”

उन्होंने कहा, ”यह मुद्दा एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली महिला का है और उन्हें राष्ट्रपति बनने का मौका मिल रहा है. अपने राजनीतिक मतभेदों को अलग रखते हुए, हमने सही रास्ता चुनने का फैसला किया है. शिअद का इतिहास बताता है कि उसने हमेशा गरीबों, अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्ग के लिए लड़ाई लड़ी. लगभग तीन घंटे तक (कोर कमेटी की बैठक में) विचार करने के बाद हमने सर्वसम्मति से फैसला किया कि हम मुर्मू जी का समर्थन करेंगे.”

दरअसल राष्ट्रपति पद के लिए मुर्मू के नाम ऐलान के बाद से ही अलग-अलग गैर राजग दल उन्हें समर्थन देने लगे हैं. शिरोमणि अकाली दल से पहले आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी की YSR कांग्रेस, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी BJD ने भी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने की घोषणा कर दी है.

ओडिशा के सीएम और बीजेडी के मुखिया नवीन पटनायक ने अपने सभी विधायकों से कहा था कि वह पार्टी लाइन से इतर हटकर मुर्मू को अपना समर्थन दें. सिर्फ इतना ही नहीं, नवीन पटनायक ने उन्हें राज्य की बेटी कहकर भी संबोधित किया था.

द्रोपदी मूर्मु पहली आदिवासी महिला हैं जिन्हें देश के सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है. जबकि विपक्ष की तरफ़ से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है.

इस बीच टीएमसी अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि राष्ट्रपति चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो. हम सभी धर्म, जातियों, समुदायों का सम्मान करते हैं. वहीं राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को तय करने पर कहा कि ये सिर्फ 18 राजनीतिक दलों ने यशवंत सिन्हा पर सहमति जताई थी, यह सिर्फ मेरी सहमति ही नहीं थी. 

इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि एनडीए ने नाम देने से पहले कोई चर्चा नहीं की थी. द्रोपदी मुर्मू के नाम पर हम भी विचार कर सकते थे. महाराष्ट्र की वजह से द्रोपदी मुर्मू के पास अब बेहतर मौका है. मुझे लगता है कि सभी दलित सभी आदिवासी हमारे साथ हैं. हम जातियों के बीच बंटवारा नहीं करते हैं. मैं विपक्ष के साथ हूं. सभी विपक्षी दल जो फैसला करेंगे, मेरी उसी में सहमती है.

(Image Credit: ANI)

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