अब तक चुनावी अभियान से दूर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के संरक्षक शिबू सोरेन सोमवार को पार्टी का घोषणापत्र “अधिकार पत्र” जारी करने के लिए सामने आए. जिसका नारा – “एक ही नारा, हेमंत दोबारा” है.
हालांकि पार्टी ने पहले कांग्रेस और राजद के साथ घोषणापत्र जारी किया था. लेकिन “अधिकार पत्र” रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, महिला अधिकार और प्रमुख योजनाओं जैसे मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट करता है.
अधिकार पत्र के पहले ही पन्ने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन की तस्वीर लगी है.
22 पन्नों के इस घोषणा पत्र के कवर पेज पर “एक ही नारा, हेमंत दोबारा” का स्लोगन छपा है. इसे जनता का अधिकार पत्र का नाम दिया गया है.
पहले दो पेज पर शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन का संदेश छपा है. वहीं अंदर में नौ मुख्य बिंदुओं (झारखंड एवं झारखंड के स्थानीय लोगों के अधिकार, कृषि-किसान और खेतिहर मजदूर, शिक्षा एवं रोजगार, महिलाओं के अधिकार, स्वास्थ्य, खाद्य एवं सामाजिक सुरक्षा, उद्योग, शहर एवं पर्यटन, राज्य कर्मी-अनुबंधकर्मी और खेलकूद) के शीर्षक से उन योजनाओं का जिक्र किया गया है जो झामुमो दोबारा सत्ता पाने के बाद पूरा करेगी.
केंद्र से बकाया वापस लेंगे
जेएमएम की ओर से जारी किए गई घोषणा पत्र में स्थानीय लोगों के अधिकार की बातें लिखी गई हैं. घोषणा पत्र में केंद्र सरकार और उनकी कंपनियों के पास झारखंड का बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये वापस लाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा यह भी लिखा गया है.
साथ ही “हो, मुंडारी, कुडुख सनेत अन्य जनजातीय भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने की पहल की जाएगी.
सरकारी नौकरियों आरक्षण बढ़ाने का वादा
वहीं सरकारी नौकरियों में ओबीसी के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने, एसटी के लिए 28 प्रतिशत और एससी के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए, झामुमो ने सरकारी पदों पर महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का भी वादा किया.
अधिकार पत्र में जेएमएम की ओर से बड़ी घोषणा करते हुए राज्य के बुजुर्गों, दिव्यांग और विधवा महिलाओं को हर महीने 2500 पेंशन देने की बात कही गई है. जबकि युवाओं के लिए 5 साल में 10 लाख से अधिक नौकरीदेने का वादा किया गया है.
इसके अलावा हर परिवार को हर महीने 200 यूनिट निःशुल्क बिजली देने और बकाया बिजली बिल को लेकर पूर्व में दर्ज केस या मामले को खारिज करने की भी गारंटी दी गई है.
लैंड बैंक योजना रद्द करने का वादा
जेएमएम की ओर से अपने अधिकार पत्र में साल 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति और भूमि अधिकार कानून बनाकर सभी स्थानीय भूमिहीन परिवारों को भूखंड देने का वादा किया गया है.
पार्टी ने कहा कि वह पिछली सरकार की लैंड बैंक योजना को रद्द करेगी और भूमिहीनों को भूमि का मालिकाना हक देगी, साथ ही सत्ता में आने के छह महीने के भीतर उन लोगों को जाति और आवासीय प्रमाण पत्र जारी करेगी जिनके पास भूमि रिकॉर्ड नहीं है.
अधिकार पत्र में पार्टी ने महिलाओं से वादा करते हुए कहा है कि महिलाओं को मईया सम्मान योजना के तहत सम्मान राशि के रूप में हर महीने 2500 रुपये दिए जाएंगे. हर अनुमंडल में सभी सुविधाओं के साथ महिला महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी.
वहीं राज्य में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सखी मंडल की महिलाओं को 15,000 करोड़ रुपये का क्रेडिट लिंकेज उपलब्ध कराते हुए स्वरोजगार के अवसर दिए जाएंगे.
किसानों को 0 फीसदी ब्याज दर पर कृषि ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा. इसके अलावा धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 3200 रुपये प्रति क्विंटल किया जाएगा.
आबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना
जबकि स्वास्थ्य को लेकर राज्य के सभी जरूरतमंद परिवारों को 15 लाख रुपए के अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना से जोड़ा जाएगा. सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सक नर्स और दवाइंयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, इसके साथ ही हर पंचायत में स्वास्थ्य उप केंद्र भी खोले जाएंगे.
उद्योग और पर्यटन को लेकर घोषणा करते हुए जेएमएम ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना के तहत राज्य के उद्यमी को 5 करोड़ तक का ऋण देने का वादा किया है. साथ ही जिला मुख्यालय में 500-500 एकड़ का औद्योगिक पार्क बनेगा और आसान शर्तों पर उद्यमियों को जमीन दी जाएगी.
आवास बोर्ड के जरिए शहर में मध्यम वर्ग के लिए सस्ती दर पर आवास की व्यवस्था भी कराई जाएगी.
इसके अलावा खाद्य एवं सामाजिक सुरक्षा के तहत गरीबों को हर महीने 7 किलो चावल, 2 किलो दाल देने का वादा किया है.
वहीं सभी जरूरतमंद परिवारों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर, 25 लाख से अधिक गरीब परिवारों को अबुआ आवास देने का वादा किया है.