HomeMain Bhi Bharatफोरिटिफाइड राइस: सरकारी की योजनाएँ लुस-पुस, लुस-पुस जल रही हैं

फोरिटिफाइड राइस: सरकारी की योजनाएँ लुस-पुस, लुस-पुस जल रही हैं

सरकार आदिवासी भारत में कुपोषण, सिकल सेल और अन्य बीमारियों को खत्म करने का प्रण कर रही है. उसका दावा है आदिवासी भारत में पोषण की योजनाओं के टारगेट हासिल किये जा रहे हैं. लेकिन हमने पाया ज़मीन पर उसकी योजनाएं बुरी तरह से पीट रही हैं.

सरकार देश के 27 राज्यों के 269 ज़िलों में कुपोषण, खून की कमी, सिकल सेल और थेलिसिमिया जैसी बीमारियों से ग्रामीण इलाकों और ख़ासतौर से आदिवासी इलाकों में लोगों को बचाने के लिए फॉरिटिफाइड राइस का वितरण करती है. 

फोरिटिफाइड राइस दरअसल ऐसा चावल है जिसमें आयरन, फॉलिक एसिड, विटामिन B12 मिलाया जाता है. सरकार का कहना है कि फोरटिफाइड चावल में और किसी भी अन्य किस्म के चावल के स्वाद, खुश्बु या रंग में कोई ख़ास फर्क नहीं होता है. फोरिटिफाइड राइस में ये सारी चीजें मिलाने की प्रक्रिया राइस मिल में धान से चावल निकालने के दौरान ही पूरी की जाती है. 

सरकार ने देश में फोरिटिफाइड राइस के उत्पादन और वितरण के लिए कई कदम उठाए हैं. ऐसा बताया जाता है कि फिलहाल देश के 18227  राइस मिल में 156 लाख मिट्रिक टन फोरटिफाइड चावल बनाने की क्षमता मौजूद है. सरकार की तरफ से बताया गया है कि 2021 की तुलना में यह क्षमता 11 गुना बढ़ चुकी है. 

6 अप्रैल को दिल्ली में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने एक प्रैस कॉंफ्रेंस की थी. इस प्रैस कॉंफ्रेंस में उन्होंने बताया कि 27 राज्यों के 269 ज़िलों में फॉरिटिफाइड राइस का वितरण हो रहा है. इस तरह सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत फोरिटिफाइड राइस बांटने के फेज़ 2 का टारगेट मार्च 2023 तक पूरा कर लिया है. 

संजीव चोपड़ा ने बताया कि 27 राज्यों ने फेज़ 2 में कुल 105 लाख मिट्रिक टन फोरिटिफाइड राइस उठाया. इसके अलावा 29 लाख टन अतिरिक्त फोरिटिफाइड राइस प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत राज्यों को दिया गया.

लेकिन हमने यह पाया है कि एक तरफ सरकार इस योजना के टारगेट को हासिल करने का दावा कर रही है, दूसरी तरफ ज़मीन पर यह योजना बुरी तरह से पीट गई है.

आख़िर ऐसा क्यों हुआ है, इसके कई कारण हैं और उपर लगे वीडियो को देख कर आपको काफी बातें समझ में आ सकती हैं.  

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments