HomeTribal Kitchenबस्तर की डबका मछरी निराली है

बस्तर की डबका मछरी निराली है

मसालों में तीन मसाले बेहद ख़ास थे. पहला करील गुडा यानि बांस की कोपल से तैयार किया गया पाउडर. दूसरा था जीरा गुडा, जी नहीं यह पिसा हुआ जीरा नहीं था. यह अमचूर जैसा एक पाउडर होता है. उसके अलावा जो मुझे बेहद ख़ास और बिलकुल अलग लगा वो था करील फुटु. यानि बांस की जड़ों पर आने वाली मशरूम का पाउडर.

छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर में कांकेर ज़िला गोंड आदिवासी बहुल है. यहाँ की पखांजुर तहसील एक छोटा सा क़स्बा है. इस क़स्बे के पास से ही कोटरी नदी गुज़रती है. इस नदी के पार घना जंगल है. इस जंगल में गोंड, उराँव और हल्बा आदिवासियों के छोटे छोटे गाँव हैं.

इन्हीं गाँवों में से एक आमाटोला भी है. इस गाँव में गोंड आदिवासियों के अलावा कुछ घर उराँव आदिवासियों के भी हैं. यह गाँव कंदाड़ी ग्राम पंचायत में आता है. छोटे छोटे गाँव होने की वजह से यहाँ कई गाँवों को मिला कर एक ग्राम पंचायत का चुनाव होता है.

इस गाँव में एक नौजवान लक्ष्मण ने मैं भी भारत की टीम को अपने घर आने का न्यौता दिया. उनके घर पर हमने कई दिन बिताए और उनकी ज़िंदगी और हालात को काफ़ी नज़दीक से देखने का मौक़ा मिला.

इस सिलसिले में हमें उनके खान-पान को समझने का मौक़ा मिला. एक दिन शाम को उनकी माँ अमील बाई और उनकी चाची ऑन्तिन बाई ने कुछ ख़ास मसालों के साथ तालाब से पकड़ी गई ताज़ा मछली पकाई.

इस मछली को इस इलाक़े में डबका मछरी कहा जाता है. इस मछली की ख़ास बात यह थी की आग पर चढ़ाए जाने से पहले ही इसमें सारे मसाले डाल दिए जाते हैं. इसके अलावा पानी भी पहले ही डाल दिया जाता है.

मसालों में तीन मसाले बेहद ख़ास थे. पहला करील गुडा यानि बांस की कोपल से तैयार किया गया पाउडर. दूसरा था जीरा गुडा, जी नहीं यह पिसा हुआ जीरा नहीं था. यह अमचूर जैसा एक पाउडर होता है. उसके अलावा जो मुझे बेहद ख़ास और बिलकुल अलग लगा वो था करील फुटु. यानि बांस की जड़ों पर आने वाली मशरूम का पाउडर.

आप यह पूरा प्रोसेस देखेंगे तो इस डबका मछरी का आनंद ले पाएँगे.

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