कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड (KMVSTDC Scam) के खातों में करोड़ों रूपये की धोखाधड़ी हुई है.
इस घोटाले में विशेष जांच टीम (SIT) ने कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इन 11 लोगों में से एक का संबंध हैदाराबाद के फर्स्ट फाइनेंस क्रेडिट को. ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड से है.
दरअसल यह आरोपी इस कंपनी के अध्यक्ष का सहयोगी है. पुलिस ने आरोपी की पहचान सैतेजा के रूप में की है. जो हैदराबाद में फर्स्ट फाइनेंस क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के चेयरमैन सत्यनारायण के सहयोगी के रूप में काम करता था.
सैतेजा उन लोगों में शामिल था, जो केएमवीएसटीडीसी के अकाउंट से पैसे अलग अलग जगह ट्रांसफर करने का काम करते थे. इसके अलावा इस मामले में विशेष टीम( SIT) ने सैतेजा सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इस बारे में मिली जानाकारी के मुताबिक जिन भी बैंक खातों में पैसे गए हैं, वे फ्रीज कर दिए गए है. पुलिस के अनुसार बड़ी संख्या में रकम को जब्त कर लिया गया है. लेकिन अभी भी पूरी रकम को पुनर्प्राप्त करना बाकी है.
इसके अलावा पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह लेनदेन बैंक के माध्यम से था इसलिए इसे ट्रैक करना मुश्किल नहीं है.
केएमवीएसटीडीसी के 94 करोड़ रूपये के घोटाले में पुलिस ने अभी तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया है और करीब 14 करोड़ रूपयें जब्त किए जा चुके हैं.
इस मामले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के कई अधिकारी और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई है.
यह धोखाधड़ी का मामला तब सुर्खियों में आया, जब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ ऑडिटिंग और समन्वय में शामिल एक निगम अधिकारी पी. चन्द्रशेखर ने 26 मई को आत्महत्या की थी.
उन्होंने आत्महत्या करने से पहले 6 पन्नों का एक नोट छोड़ा था, जिसमें धोखाधड़ी और इसमें शामिल लोगों की डिटेल थी.
जिसके बाद कर्नाटक सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया था. जिसकी अध्यक्षता पुलिस महानिदेशक, मनीष खरबिकर द्वारा की जा रही है. केंद्रीय जांच ब्यूरों ने भी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है.