महाराष्ट्र के पालघर ज़िले में एक ही हॉस्टल में 30 छात्र कोविड पॉज़िटिव पाए गए हैं. कोविड पॉज़िटिव पाए गए सभी छात्र आदिवासी समुदाय के हैं.
प्रशासन ने फ़िलहाल इन सभी 30 आदिवासी छात्रों को हॉस्टल में ही बाक़ी छात्रों से अलग रखा है. इसके अलावा ज़िला प्रशासन ने हॉस्टल में आवाजाही बंद कर दी है.
प्रशासन ने बताया है कि हॉस्टल के बाक़ी 160 छात्रों के माता-पिता को सूचना दे दी गई है. उन्हें इन छात्रों को घर ले जाने के लिए कहा गया है.
पिछले एक हफ़्ते में ही 68 आदिवासी छाप जो हॉस्टल में रह रहे थे, कोविड पॉज़िटिव पाए जा चुके हैं.
पिछले मंगलवार को एक टीचर और 30 छात्रों के कोविड पॉज़िटिव पाए जाने के बाद प्रशासन की चिंता बढ़ गई है. स्थानीय प्रशासन ने बताया है कि जिस हॉस्टल में 30 छात्र पॉज़िटिव पाए गए हैं उस हॉस्टल का नाम नंदौर ट्राइबल हॉस्टल है.
प्रशासन ने यह भी बताया है कि ज़िले के सरकारी अस्पताल में फ़िलहाल 9 आदिवासी लड़कियों को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है.
इससे पहले तीन आदिवासी छात्र हॉस्टल में कुल 79 लोग कोरोनावायरस पॉज़िटिव पाए जा चुके हैं. इनमें 38 आदिवासी छात्र, कुछ टीचर और दूसरे कर्मचारी शामिल हैं.
जिन तीन हॉस्टल में कोरोनावायरस फैला है वो हीरापाड़ा, डबोसा, और विनवाल क्षेत्र के हैं.
आदिवासी छात्र होस्टलों में कोविड फैलने के बाद ज़िला कलेक्टर मानिक गुरसल ने बुधवार को सभी हॉस्टलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. लॉक डाउन के दौरान इन हॉस्टलों को कोरन्टाइन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया गया था.
प्रशासन ने कहा है कि फ़िलहाल दसवीं और बारहवीं क्लास के छात्र हॉस्टल में रह सकते हैं. क्योंकि इन छात्रों को बोर्ड के एग्ज़ाम देने हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें अपने माता-पिता की सहमति प्रशासन को लिखित में देनी होगी.