आमतौर पर यह सुना जाता है कि ठेकेदारों को काम करने के बाद पेमेंट के लिए सरकारी ऑफ़िसों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. लेकिन गुजरात में एक मामला सामने आया है जहां एक ही काम के पेमेंट दो बार कर दिया गया.
जब यह मामला खुल गया तो इस मामले में लिप्त चार सहायक इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है.
तापी ज़िले के डोलवन, सोनगढ़ और कुकरमुंडा में स्थित आठ आश्रम स्कूलों (Tribal Ashram School) में 2019-20 के दौरान वर्षा रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाय गया था. जिसके लिए सब प्लान (Tribal Sub Plan) से 40 लाख रूपये आवंटित किए गए थे.
2021-22 में एक बार फिर सरकारी विभाग से इन आठ स्कूलों में वर्षा जल संचयन कार्य करने के लिए पैसे मांगे गए. सरकारी विभाग में जमा बिल में यह दिखाया गया की वर्षा जल संचयन कार्य नई योजना के तहत किया जा रहा है.
कुल मिलाकर वर्षा जल संचयन का प्रबंध एक बार किया गया, लेकिन विभाग से पैसे दो बार मांगे गए थे.
इस घोटाले में शामिल चार सहायक इंजीनियर के नाम गिरिश चौधरी, ध्वनि पटेल, अजय चौधरी, अनिल गमित बताए जा रहे हैं.
इन चार इंजीनियर के अलावा एक कांट्रेक्टर भी दोषी पाया गया है. जिसका नाम राजन हिंगल बताया गया है.
इन आठ स्कूलों में वर्षा जल संचयन के लिए 40 लाख रूप आंवटित किए गए थे, जिसमें से प्रत्येक स्कूल के लिए 5 लाख रूपये दिए गए थे.
तापी के डीडीओ वी. एन. शाह के पास इस घोटाले को लेकर किसी ने शिकायत की थी. जिसके बाद उन्होंने ट्राइबल सब प्लान के ऑफिर रामनिवास फगुनिया को यह आदेश दिया की वे इस पूरे मामले की जांच करें.
फगुनिया ने जांच के बाद हाल ही में डीडीओ को रिपोर्ट सौपी है. रिपोर्ट में यह बात सामने आई की इस घोटाले में चार सहायक इंजीनियर और एक कांट्रेक्टर शामिल हैं.
जिसके बाद तापी ज़िला डेवलपमेंट ऑफिसर वी. एन. शाह ने रिपोर्ट के आधार पर चारों इंजीनियर को निलंबित कर दिया है.
इसके अलावा कांट्रेक्टर ने घोटाले से लिए गए 40 लाख रूपये वापस कर दिए है. वी. एन. शाह ने बताया की उन्होंने इस मामले की गहन रूप से जांच शुरू कर दी है.
जैसे ही जांच खत्म होती है, इन घोटले में शामिल चारों इंजीनियर और कांट्रेक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.