HomeAdivasi Dailyतेलंगाना: आदिवासी छात्रावास में फूड पॉइज़निंग के बाद 4 कर्मचारी निलंबित

तेलंगाना: आदिवासी छात्रावास में फूड पॉइज़निंग के बाद 4 कर्मचारी निलंबित

छात्रों की हालत को सुधरता देख डॉक्टरों ने सभी छात्रों को वापस छात्रावास भेज दिया. हालांकि  डॉक्टरों ने फूज पॉइज़निंग के कारणों के बारे में कोई बयान नहीं दिया है.

तेलंगाना के विकराबाद ज़िले के एक ट्राइबल वेलफेयर गर्ल्स हॉस्टल में खाने से फूड पॉइजनिंग का मामला सामने आने के बाद ज़िला कलेक्टर प्रतीक जैन ने सख्त कार्रवाई की है. उन्होंने हॉस्टल की वॉर्डन के साथ तीन बावरचियों को निलंबित कर दिया है.

यह घटना सोमवार रात की है जब हॉस्टल की 15 छात्राओं ने रात का खाना खाने के बाद उबकाई और उल्टी की शिकायत की थी.

सभी छात्राओं की हालत बिगड़ने पर इलाज के लिए उन्हें तंदूर ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद अस्पताल में इलाज करा रहे छात्रों और छात्रावास में उन्हें दिए जा रहे घटिया भोजन की शिकायत करने वाले छात्रों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए.

इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए बीआरएस और भाजपा कार्यकर्ताओं ने छात्रावास में विरोध प्रदर्शन किया. उस समय ज़िला अस्पताल में भी स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी.

छात्रों की हालत को सुधरता देख डॉक्टरों ने सभी छात्रों को वापस छात्रावास भेज दिया. हालांकि  डॉक्टरों ने फूज पॉइज़निंग के कारणों के बारे में कोई बयान नहीं दिया है.

ज़िला कलेक्टर ने किया दौरा  

घटना के बाद कलेक्टर प्रतीक जैन ने गुरुवार को छात्रावास का दौरा किया और छात्राओं के स्वास्थ्य की जानकारी ली. उन्होंने पुष्टि की कि सभी छात्राएं पूरी तरह से स्वस्थ हो गई हैं.

इसके साथ ही उन्होंने निलंबित स्टाफ की जगह नए कर्मचारी नियुक्त करने का आदेश दिया.

कलेक्टर ने यह भी घोषणा की कि ज़िले के सभी विद्यालयों और छात्रावासों में पीने के पानी और खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले पानी की गुणवत्ता की जांच करने के लिए 12,000 H2S टेस्ट वायल्स मंगवाए गए हैं.

उन्होंने बताया कि इन वायल्स की मदद से पानी में बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक तत्वों की पहचान की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.

हालांकि विरोध प्रदर्शन के चलते ज़िला कलेक्टर ने मामले का संज्ञान लिया है और संबंधित कर्मचारियों की लापरवाही को देखते हुए उन्हें निलंबित भी कर दिया है. लेकिन अभी तक फूड़ पॉइज़निंग के असल कारणों का पता नहीं चल पाया है.

इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों और छात्रावासों में भोजन और पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की ज़रूरत को उजागर कर दिया है.

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