HomeAdivasi Dailyआदिवासी कारीगरों के बनाए सामान की होगी होम डिलिवरी

आदिवासी कारीगरों के बनाए सामान की होगी होम डिलिवरी

अमेज़न इंडिया के ग्लोबल सीनियर वीपी और कंट्री हेड अमित अग्रवाल ने कहा कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आदिवासी कारीगर और बुनकर समुदाय एक साथ रखते हैं. जिनकी बनाई गई चीजें लाखों परिवारों की आजीविका का स्रोत हैं.

अमेज़न इंडिया ने सोमवार को ट्राइब्स इंडिया के साथ पार्टनरशिप में कारीगर मेला शुरू करने की घोषणा की है. जिसमें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पारंपरिक आदिवासी और स्थानीय भारतीय हस्तशिल्प के लिए एक समर्पित स्टोरफ्रंट की सुविधा प्रदान करेगा.

एक बयान में कहा गया है कि इस पहल के हिस्से के रूप में ग्राहक 1.2 लाख से अधिक अद्वितीय पारंपरिक आदिवासी और स्थानीय भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा चयनों तक पहुंच और खरीदारी करने में सक्षम होंगे.

कारीगर मेले के हिस्से के रूप में खरीद के लिए सूचीबद्ध प्रोडक्ट में उपलब्ध कुछ अद्वितीय कला रूपों में बिदरी, ढोकरा, इक्कत, पटचित्र, ब्लू आर्ट पॉटरी वगैरह शामिल हैं.

कारीगर मेला पहल के हिस्से के रूप में कारीगर विक्रेताओं को 30 अगस्त से 12 सितंबर तक दो सप्ताह के लिए अमेज़न (SoA) पर 100 फीसदी सेलिंग शुल्क छूट का भी लाभ मिलेगा.

जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “आदिवासी कारीगर और बुनकर समुदाय भारतीय अर्थव्यवस्था के केंद्र में हैं. ये उन लोगों में से एक है जो चल रही कोरोना महामारी के चलते सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. कारीगर मेले की शुरुआत इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान कारीगरों और बुनकरों को अपनी आजीविका को पुनर्जीवित करने और उनके विकास में तेजी लाने में मदद करने में अहम भूमिका निभाएगा.”

ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (TRIFED) और अमेज़न की लंबी अवधि की पार्टनरशिप को सबसे आगे लाकर स्थानीय उत्पादों के लिए दृश्यता बढ़ाने में मदद कर रही है.

अर्जुन मुंडा ने कहा, “इस तरह की पहल भारतीय उपभोक्ताओं के बीच ‘वोकल फॉर लोकल’ की गहरी भावना को चलाने में मदद करेगी और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में मदद करेगी.”

अमेज़न इंडिया के ग्लोबल सीनियर वीपी और कंट्री हेड अमित अग्रवाल ने कहा कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आदिवासी कारीगर और बुनकर समुदाय एक साथ रखते हैं. जिनकी बनाई गई चीजें लाखों परिवारों की आजीविका का स्रोत हैं.

अमित अग्रवाल ने कहा, “त्योहारों का मौसम आने के साथ हमें विश्वास है कि इस तरह की पहल से स्वदेशी शिल्पकारों, बुनकरों और आदिवासी कारीगरों को सशक्त बनाया जाएगा और भारतीय कला और शिल्प की समृद्ध विरासत को फलने-फूलने में मदद मिलेगी.”

उन्होंने कहा कि अमेज़न देशभर में भारतीय कारीगरों और बुनकरों को ई-कॉमर्स के माध्यम से अपने विकास में तेजी लाने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के साथ सहयोग करना जारी रखेगा.

TRIFED के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्णा ने कहा, “ट्राइफेड एंड ट्राइब्स इंडिया 5 लाख आदिवासी मास्टर शिल्पकारों और महिलाओं का एक परिवार है जो भारत में हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की एक समृद्ध मात्रा में उत्पादन करते हैं. समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में अमेज़न के साथ हमारी पार्टनरशिप ने हमें देश और दुनिया भर में ग्राहकों के लिए मेड इन इंडिया जनजातीय उत्पादों को ले जाने में सक्षम बनाया है.”

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