छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. उइके ने प्रधानमंत्री मोदी से छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों के विकास के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज देने का अनुरोध किया.
राजभवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि उइके ने प्रधानमंत्री को बताया कि विशेष आर्थिक पैकेज इन दो आदिवासी बहुल इलाक़ों में स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी सुविधाओं के विस्तार में मदद करेगा. इसके अलावा पैकेज की मदद से आदिवासी युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर भी पैदा किए जाएंगे.
पैकेज का इस्तेमाल राज्य में आदिवासी समुदायों के बेहतर विकास के लिए किया जाएगा.
राज्यपाल ने मोदी से पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शहरी निकायों के लिए PESA अधिनियम की तर्ज पर नगर पालिका विस्तार अधिनियम को लागू करने का भी अनुरोध किया. इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री से PESA क़ानून से संबंधित नियमों को लागू करने पर भी चर्चा की.
उइके ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि कई आदिवासियों को उनके जाति नामों की स्पेलिंग में गलतियों की वजह से अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र मिलने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस मुद्दे को सुलझाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से ज़रूरी कदम उठाने का अनुरोध किया.
इसके अलावा आदिवासी बहुल जिलों में स्थित यूनिवर्सिटीज़ को आदिवासी समुदायों के हित में केंद्रीय आदिवासी यूनिवर्सिटी के रूप में अपग्रेड करने पर भी दोनों के बीच चर्चा हुई.
उइके ने राज्य के अलग-अलग जिलों के अपने दौरों पर आदिवासियों के साथ बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि आदिवासियों के कल्याण के लिए कई फैसले लेने की जरूरत है.
राज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की और छत्तीसगढ़ के उग्रवाद प्रभावित जिलों में नक्सल गतिविधियों और दूसरे मुद्दों पर चर्चा की.