HomeAdivasi Dailyग़रीब को घर के लिए मिले पैसे में भी कमीशन वसूला

ग़रीब को घर के लिए मिले पैसे में भी कमीशन वसूला

पीएम जनमन के तहत घर बनाने के लिए मिलने वाली धनराशि में सत्ताधारी पार्टी की तरफ़ से झोल करने के आरोपों के बाद इस योजना के तहत राज्य को पैसा आना बंद हो गया था. अब जब राज्य सरकार ने इसके लिए ‘बांग्लार बाड़ी’ योजना शुरू की है तो भी भ्रष्टाचर क्यों नहीं थम रहा? आवास पास करवाने के लिए दस-दस हज़ार रुपये कौन मांग रहा है?

पश्चिम बंगाल की महत्वाकांक्षी ‘बांग्लार बाड़ी’ योजना में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं.

सालानपुर प्रखंड के अल्लाडी ग्राम पंचायत के बराभुईं राखापाड़ा गांव की निवासी रासमोनी सोरेन ने आरोप लगाया कि योजना के तहत आवास के लिए पहली किश्त के 60,000 रुपये मिलते ही दो नेताओं ने उनसे 10,000 रुपये वसूल लिए.

उन्होंने बताया कि उनसे कहा गया है कि यह पैसा आवास पास कराने के लिए लिया गया है.

रासमोनी के पति दिलीप सोरेन का नाम लाभार्थियों की सूची में शामिल है और इस योजना के अंतर्गत पहली किश्त सीधा उनके खाते में आई थी. लेकिन उन्होंने शिकायत की कि जब वे बैंक से पहली किश्त की राशि निकालकर घर लौटे, तो दो नेता उनके घर पहुंचे और 10,000 रुपये की मांग की.

रासमोनी का कहना है कि 1.20 लाख रुपये में भी घर बनाना मुश्किल है, ऐसे में अगर कटमनी वसूली जाएगी तो योजना का उद्देश्य ही विफल हो जाएगा.

योजना की शुरुआत और विवाद

‘बांग्लार बाड़ी’ योजना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 17 दिसंबर 2024 को शुरू की गई. यह योजना प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत केंद्र सरकार द्वारा फंड रोकने के बाद लागू की गई थी.

केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 60 प्रतिशत धनराशि मुहैया कराती थी, जबकि राज्य सरकार 40 प्रतिशत धनराशि देती थी.

केंद्र ने राज्य सरकार पर वित्तीय अनियमितताओं और राज्य स्तरीय सत्ताधारी पार्टी के करीबियों को योजना का फायदा पहुंचाने के आरोप लगाए थे, जिसके चलते 2022 में फंड आवंटन रोक दिया गया था.

अब इस योजना के तहत, 28 लाख जरूरतमंद परिवारों को आवास देने का लक्ष्य रखा गया है.

योजना के सभी लाभार्थियों को 1.20 लाख रुपये दिए जाएंगे, वहीं जंगलमहल और दार्जिलिंग हिल्स में रहने वाले आदिवासी परिवारों को घर बनाने के लिए 1.30 लाख रुपये दिए जाएंगे.

पहले चरण में 12 लाख लाभार्थियों में से 8 लाख से अधिक को पहली किश्त जारी की जा चुकी है. सूचना के अनुसार, बचे हुए परिवारों को भी इसी सप्ताह में धनराशि मिल जाएगी. लेकिन आदिवासी परिवार ने जो आरोप लगाए हैं, उसके अनुसार तो उनके पास पहली किश्त में से केवल 50 हज़ार रुपये ही बचे हैं.

ब्लॉक अध्यक्ष का आश्वासन

सालानपुर ब्लॉक तृणमूल अध्यक्ष मोहम्मद अरमान ने इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सभी लाभार्थियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी को भी पैसा न दें.

उन्होंने कहा, “यदि कोई जबरन पैसे मांगता है, तो इसकी शिकायत ग्राम प्रधान या पंचायत अधिकारियों से करें.”

उन्होंने आगे कहा कि महिला की शिकायत की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई ज़रूर होगी.

भ्रष्टाचार रोकने के लिए कदम

भ्रष्टाचार और पक्षपात की शिकायतों को देखते हुए राज्य सरकार ने टोल फ्री नंबर 18008899451 जारी करने का फैसला किया है. इस नंबर पर लाभार्थी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

इसके अलावा, ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को योजना के तहत बनने वाले घरों का निरीक्षण करने और निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

सवाल और चुनौतियां

पीएम आवास योजना में सत्ताधारी पार्टी पर लगे आरोपों के बाद अब मुख्यमंत्री की बांग्लार बाड़ी’ योजना की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. विरोध प्रदर्शन और लाभार्थियों की शिकायतें दिखाती हैं कि जरूरतमंदों तक लाभ पहुंचाने में चुनौतियां हैं. सरकार को पारदर्शिता सुनिश्चित करने और सभी पक्षों को विश्वास में लेने की जरूरत है.

इस योजना की सफलता के लिए सख्त निगरानी की आवश्यकता है.

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