गोवा में आदिवासी भवन की आधारशिला रख दी गई है. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को पोरवोरिम में परिसर की आधारशिला रखने के बाद कहा कि राज्य आदिवासी भवन परियोजना दो साल के भीतर तैयार हो जाएगी.
आदिवासी भवन की आधारशिला रखे जाने के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आदिवासी कल्याण के लिए निर्धारित 12 फीसदी राशि अभी भी अप्रयुक्त पड़ी है. उन्होने कहा कि आदिवासी समुदाय के योग्य लोगों को आदिवासियों के लिए बनाई गई अलग-अलग योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आगे चाहिए.
प्रमोद सावंत ने कहा, “हमारे विभाग अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के माध्यम से समय-समय पर योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा कर रहे हैं. कोई भी आवेदन लंबित नहीं रखा जाता है. लेकिन अभी सौ फीसदी आवेदन नहीं आ रहे हैं. सरकार निर्धारित राशि का सौ फीसदी देने को तैयार है लेकिन 12 फीसदी राशि बेकार पड़ी है. मंत्री अपनी क्षमता से सब कुछ कर रहे हैं. लेकिन किसी को उसे परियोजनाओं का प्रस्ताव देने की जरूरत है ताकि इसे केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत लाया जा सके.”
उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के वे लोग जो पहले से ही लाभ ले चुके हैं या अच्छे पद पर हैं वो आदिवासी समुदायों में जागरूकता पैदा करें.
सावंत ने कहा, “मैं यह जांचने के लिए समीक्षा कर रहा था कि क्या अलग-अलग योजनाओं का लाभ वास्तव में आदिवासी समुदाय तक पहुंचा है. जिसमें राज्य और केंद्र सरकार की योजनाएं और एसटी आयोग की योजनाएं शामिल है. आदिवासी समुदाय के लिए न सिर्फ शिक्षा के लिए बल्कि चिकित्सा उपचार या व्यवसाय शुरू करने के लिए भी योजनाएं उपलब्ध हैं.”
उन्होंने कहा कि आदिवासी भवन में छात्रावास, सभागार, जिम और कैंटीन जैसी सुविधाएं शामिल होंगी.
प्रमोद सावंत ने कहा, “आदिवासी भवन का हॉल किराए पर दिया जाएगा और वो कोई भी दे सकता है. लेकिन छात्रावास और अन्य सुविधाएं विशेष रूप से आदिवासी समुदाय के लिए होंगी. हॉल एक प्रमुख स्थान पर स्थित है और सभी के लिए खुला रहेगा ताकि किराए से हम परिसर का रखरखाव कर सकें. यह एक परियोजना का निर्माण करने के लिए पर्याप्त नहीं है, इसे बनाए रखना महत्वपूर्ण है और हॉल इस संबंध में मदद करेगा.”
गोवा की कुल आबादी का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा आदिवासियों का है.