त्रिपुरा में बीजेपी की सहयोगी पार्टी आईपीएफटी (Indigenous Peoples Front of Tripura) ने 23 अगस्त 2024 को ग्रेटर टिपरालैंड (Greater Tipraland) राज्य की मांग के समर्थन में दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की घोषणा की है.
त्रिपुरा राज्य में से एक अलग राज्य टिपरालैंड बनाने की मांग नई नहीं है. त्रिपुरा में बीजेपी के साथ सरकार में शामिल आदिवासी इलाकों में प्रभाव रखने वाली दोनों ही पार्टी आईपीएफटी और टिपरा मोथा काफ़ी समय से ये मांग उठाती रहीं हैं.
जुलाई में ही आईपीएफटी ने मूल निवासियों के लिए टिपरा लैंड की मांग को उठाते हुए आनंद बाज़ार से खुमलुंग तक एक 148 किलोमीटर लंबी रैली का आयोजन भी किया था.
पिछले साल भी 23 अगस्त को जंतर मंतर पर ग्रेट टिपरालैंड की मांग को लेकर आईपीएफटी ने इसी तरह का प्रदर्शन किया था.
हाल ही में आईपीएफटी नेताओं ने अगरतला में कहा कि वे पहले की तरह इस बार भी 23 अगस्त को ‘टिपरालैंड राज्य मांग दिवस’ के रूप में चिन्हित करेंगे और जंतर-मंतर पर पूर्ण टिपरालैंड के लिए प्रदर्शन करेंगे.
उन्होंने बताया कि वे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को एक ज्ञापन भी देंगे जिसमें संविधान के अनुच्छेद 2 और 3 के अनुसार टीटीएएडीसी (त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त ज़िला परिषद) को एक अलग राज्य में अपग्रेड करने की मांग करेंगे.
आईपीएफटी की स्थापना 1990 के दशक में त्रिपुरा से ‘टिपरालैंड’ को अलग करने के उद्देश्य से हुई थी.
इस पार्टी में कई बार विभाजन हुआ लेकिन 2009 में एनसी देबबर्मा के नेतृत्व में एक बार फिर इस पार्टी का उत्थान हुआ.
2018 में त्रिपुरा के विधानसभा चुनावों से पहले आईपीएफटी ने भाजपा के साथ गठबंधन किया और गठबंधन सरकार बनाई.
लेकिन भाजपा के साथ सरकार में होने के बावजूद पार्टी की अलग राज्य टिपरा लैंड की सबसे ज़रूरी मांग पर कुछ हासिल नहीं हुआ है.
राज्य में सत्ताधारी गठबंधन की मुख्य पार्टी बीजेपी हमेशा से ही अलग राज्य की मांग को सिरे से खारिज करती रही है.
हालांकि 2018 में त्रिपुरा के आदिवासी समुदायों की जातीय, भाषाई, सामाजिक और आर्थिक समस्याओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय फेक्ट चेकिंग कमेटी का गठन किया गया था.
इसके अगले वर्ष 2019 में आईपीएफटी ने नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान आईपीएफटी ने केंद्र सरकार से समिति की रिपोर्ट में तेजी लाने का अनुरोध किया था.
इसके बाद 2021 में टिपरालैंड राज्य के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए आईपीएफटी ने टिपरा मोथा के साथ मिलकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक बार फिर प्रदर्शन किया.
23 अगस्त 1984 को संविधान की छठीं अनुसूची में संशोधन करके 1985 में टीटीएडीसी (त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद) की स्थापना की गई थी.
तब से त्रिपुरा में 23 अगस्त को टीटीएडीसी स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है. तो वहीं आईपीएफटी 2009 से इस दिन को टिपरालैंड राज्य मांग दिवस के रूप में मनाता है.