झारखंड हाई कोर्ट ने बुधवार को सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति में देरी के लिए राज्य सरकार की खिंचाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति दो से तीन माह में सुनिश्चित करने को कहा है. ताकि बच्चों को आगामी शैक्षणिक वर्ष में अच्छी शिक्षा मिल सके.
हाई कोर्ट ने सरकार को सरकारी स्कूलों में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर 26 हज़ार अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति में तेजी लाने का निर्देश दिया.
मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की पीठ सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर जिन ड्रेज (Jean Dreze) द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
सुनवाई के दौरान स्कूली शिक्षा विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह भी अदालत में मौजूद थे.
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने 11 अप्रैल को जो हलफनामा दाखिल किया था, उसमें खुलासा हुआ था कि कुछ परीक्षाएं अभी भी बाकी हैं.
इस हलफनामे में प्रस्तावित समय-सीमा के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति में जनवरी 2026 तक का समय लगेगा. शिक्षकों की नियुक्ति में सरकार के उदासीन रवैये पर कोर्ट ने असंतोष जताया.
पीठ ने पाया कि स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की कार्यप्रणाली धीमी है.
इसलिए हाईकोर्ट ने सरकार को प्रस्तावित समय-सीमा को कम करने और यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि शिक्षकों की नियुक्ति दो या तीन महीने के भीतर हो जाए, ताकि बच्चों को आगामी शैक्षणिक वर्ष में ही अच्छी शिक्षा मिल सके.
ड्रेज ने पिछले साल रिट याचिका दायर कर झारखंड के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी की ओर ध्यान आकर्षित किया था.
याचिका में इस संबंध में बच्चों के मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अनुपालन की मांग की गई है.
8 अप्रैल को स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने कोर्ट को सूचित किया कि 26 हज़ार शिक्षकों की नियुक्ति जल्द ही निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से की जाएगी और इस उद्देश्य के लिए सभी प्रासंगिक परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी हैं.
इसके बाद कोर्ट ने जेएसएससी को समयसीमा बताने को कहा था। इसके बाद जेएसएससी ने 11 अप्रैल को शपथपत्र दाखिल कर बताया कि कुछ परीक्षाएं अभी बाकी हैं. कुरमाली, हो और पंचपरगनिया की परीक्षा अभी नहीं हुई. जनवरी 2026 तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने की बात कही.
कई याचिकाएं दायर की गई हैं
हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें प्राथमिक और उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से अवगत कराया गया है. याचिका में शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत शिक्षकों की नियुक्ति कराने का आग्रह किया गया है. हर स्कूल में कम-से-कम दो शिक्षक और हर 30 बच्चों पर कम-से-कम एक शिक्षक को अनिवार्य बताया गया है.
साथ ही कहा गया है कि मानदंडों का घोर उल्लंघन करते हुए राज्य में 8,000 से अधिक एकल-शिक्षक स्कूल हैं और अन्य स्कूलों में भी शिक्षकों की भारी कमी है.
हाईकोर्ट ने सरकार को प्लस टू स्कूलों में जनजातीय समेत अन्य भाषाओं के शिक्षकों के स्वीकृत 1373 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया तीन माह में पूरी करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने तालेश्वर महतो की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
सुनवाई के दौरान शिक्षा सचिव अदालत में मौजूद थे. सरकार का पक्ष रखते हुए अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने बताया कि नियुक्ति नियमावली बन रही है, छह माह लगेंगे. इसके बाद जेएसएससी को नियुक्ति के लिए भेजा जाएगा.
इस पर कोर्ट ने कहा कि पहले ही बहुत देर हो चुका है.
मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी.