केरल के मन्नान आदिवासी समुदाय के राजा रमन राजमन्नान दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेंगे. वे केरल के एकमात्र आदिवासी राजा हैं.
राज्य सरकार के अधिकारियों ने जानाकारी दी है कि राजा और उनकी पत्नी अनुसूचित जनजाति (ST) विकास विभाग के अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओआर केलू ने राजा को निमंत्रण पत्र सौंपा.
मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि यह पहली बार होगा जब कोई आदिवासी राजा दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होगा. आदिवासी विकास विभाग श्री राजमन्नन और उनकी पत्नी बिनमोल के यात्रा खर्च को वहन करेगा.
इस यात्रा के दौरान, श्री राजमन्नन और सुश्री बिनुमोल राष्ट्रपति और अन्य प्रमुख नेताओं से मिलेंगे. वे आगरा और राजधानी के अन्य ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों का भी दौरा करेंगे. वे 2 फरवरी को केरल लौटेंगे.
राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्य के आदिवासी समुदाय के लोगों की भागीदारी की मांग की थी. इसके बाद आदिवासी विकास विभाग ने राजा और उनकी पत्नी को समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में भेजने का फैसला किया. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा, “सरकार का यह फैसला मन्नान समुदाय के लिए सम्मान की बात है.”
मंगलवार को श्री राजमन्नन और सुश्री बिनमोल ने राज्य विधानसभा का दौरा किया, जहां श्री केलू ने उनका स्वागत किया. देविकुलम के विधायक ए. राजा भी उनके साथ थे.
करेल का मन्नान समुदाय मुख्य रूप से कोझीमाला में इडुक्की वन्यजीव अभयारण्य के बफर जोन में बसा हुआ है. इस अभयारण्य में इस जनजाति की 48 बस्तियां हैं. इसलिए इस जंगल को इस जनजाति का केंद्र कहा जाता है. इन 48 गांवा पर एक आदिवासीृ राजा का शासन है. यह दक्षिणी भारत में ऐसा एकमात्र समुदाय है.
यहां राजा समुदाय के पारंपरिक समारोहों और उत्सवों का अभिन्न अंग होता है. वह ऐसे अवसरों पर पगड़ी या टोपी और विशेष पोशाक पहनता ह. किसी समारोह के दौरान दो मंत्री और सैनिक उसकी सहायता करते हैं.