मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. राज्य में चुनावी साल में जैसे-जैसे सियासी पारा चढ़ रहा है ठीक उसी अंदाज में नेताओं के बयान भी सामने आ रहे है. इस सियासी माहौल में नेताओं के बयान में खास तौर पर भगवानों के अवतारों का जिक्र होना आम बात हो गई है.
कुछ दिन पहले भगवान हनुमान को लेकर जमकर सियासत हुई थी अब भगवान शंकर को लेकर सियासत हो रही है.
दरअलस, सिवनी के बरघाट विधानसभा के कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया का एक बार फिर अजीबो-गरीब बयान सामने आया है. अर्जुन सिंह ने मंगलवार को दावा किया कि भगवान शिव आदिवासी थे जिन्होंने दुनिया को बचाने के लिए विषपान किया था. इन्होंने एक महीने पहले उन्होंने दावा किया था कि बजरंगबली (भगवान हनुमान) आदिवासी थे.
बम्होडी गांव में स्थानीय कार्यक्रम के दौरान मंच से लोगों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘समुद्र मंथन से अमृत निकला. समझदार लोगों ने अमृत पिया और विष पीछे रह गया. उस विष का क्या करें? किसने पिया था वो जहर? हिमालय में रहने वाले भोले भंडारी (भगवान शिव) ने इसे पी लिया.’’
विधायक ने आगे कहा कि आदिवासियों को भोले भंडारी कहा जाता है. उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासियों ने जहर पीकर दुनिया को जीवन दिया. हमारा समाज कितना गौरवशाली है. ये सभी लोग हमसे निकले हैं इसलिए हम इन सभी का सम्मान करते हैं.”
विधायक द्वारा दिए गए इस बयान का एक वीडियो भी सामने आया है जो काफी वायरल हो रहा है.
पिछले महीने उन्होंने कहा था कि बजरंगबली एक आदिवासी वनवासी थे जिन्होंने भगवान राम की रक्षा की और उनकी मदद की.
उदेपानी गांव में कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ की उपस्थिति में जनसभा को संबोधित कर रहते हुए काकोडिया ने कहा था, ‘‘कोई अयोध्या, क्षत्रिय या ब्राह्मण सेना नहीं थी लेकिन (यह) आदिवासी समुदाय था (जिसने) भगवान राम की मदद की.’’
उनके इस बयान ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. अब एक बार फिर विधायक के इस बयान के भी कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. फिलहाल अर्जन सिंह ने अपने इस बयान को लेकर किसी की तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है.